मुख्यपृष्ठनए समाचारनेपाल के रास्ते भारत में रोहिंग्यों की भारी घुसपैठ का अलर्ट मिला...सीमावर्ती...

नेपाल के रास्ते भारत में रोहिंग्यों की भारी घुसपैठ का अलर्ट मिला…सीमावर्ती जिलों में खतरा बढ़ा!

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

गुप्तचर एजेंसियों ने भारत-नेपाल के सीमावर्ती भारतीय क्षेत्रों में नेपाल से भगाए जा रहे रोहिंग्यों के घुसने का अलर्ट जारी किया है। पिछले दिनों रायबरेली के सलोन क्षेत्र में जन्म प्रमाणपत्रों के फर्जीवाड़े की जांच में जुटी पुलिस को यूपी एटीएस व आईबी ने अहम इनपुट मुहैया कराए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण जानकारी रोहिंग्या के ट्रांजिट रूट में बदलाव की है। नेपाल में संख्या बढ़ने के विरुद्ध शुरू हुए प्रदर्शन के बीच रोहिंग्या अब भारत के सीमावर्ती जिलों के रास्ते भारत में घुस कर नए ठिकाने की तलाश में हैं। यूपी के बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, पीलीभीत व लखीमपुर पर भी इनकी नजर है। ऐसे में संबंधित जिलों को अलर्ट किया गया है। रोहिंग्या बड़ी संख्या में वर्ष 2012 में बंगाल, असम, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश होते हुए नेपाल तक पहुंचे थे। बंगाल से ट्रेन के माध्यम से दिल्ली और फिर वहां से पाकिस्तान की सीमा से सटे संवेदनशील जम्मू-कश्मीर तक फैल चुके रोहिंग्या पूरे भारत में फैल चुके हैं। इनमें अधिकतर ने रायबरेली की ही तरह फर्जी तरीके से निर्वाचन कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट तक बनवा लिए।
इस बीच नेपाल में रोहिंग्या की बस्तियों का विस्तार हुआ तो पारंपरिक कामों में भी वे दखल देने लगे, तो स्थानीय लोगों का हित प्रभावित होने लगे। इससे विरोध बढ़ा तो रोहिंग्यों ने अब भारतीय क्षेत्रों में ठिकाने की तलाश शुरू कर दी है। इसके तहत बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर और बहराइच में भी घुसपैठ की कोशिश की है। बीते दिनों इन जिलों में इनकी सक्रियता के संकेत भी मिले हैं। रायबरेली के सलोन में बंग्लादेशी रोहिंग्या नागरिकों का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने के मामले में जांच कर रही एटीएस देर शाम कुशीनगर पहुंची। जन्म प्रमाणपत्र जारी करने में जिले के स्वास्थ्य विभाग के आईडी पासवर्ड का भी प्रमाण पत्र बनाने में इस्तेमाल किया गया है। तरयासुजान से सीएसपी संचालक और विशुनपुरा सीएचसी पर तैनात डाटा ऑपरेटर को साथ लेकर चली गई।
देवीपाटन मंडल के मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील ने बताया कि सीमा पर सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस और एलआईयू के साथ समन्वय स्थापित कर भारत-नेपाल सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए कड़े प्रबंध किये गये हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच जिले में रोहिंग्या घुसपैठ की संभावना बहुत कम है। मैं खुद नियमित बॉर्डर सुरक्षा को लेकर सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से वार्ता कर स्थिति की समीक्षा करता हूं। सीमावर्ती जिला होने के कारण सुरक्षा पुख्ता है। लोकल इंटेलिजेंस व पुलिस से भी नियमित जांच कराई जा रही है। सीमा की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।

अन्य समाचार