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घाती सरकार के सभी उपाय नाकाम : मौसम की मार से बीमारियां हुईं बेलगाम!

– २६५ दिनों में मिले मलेरिया के १३,२५०, डेंगू के ८,६८६ मरीज
– दोनों बीमारियों में गई ३४ की जान
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में अब मौसम की आंख-मिचौली शुरू हो गई है। राज्य में कहीं बारिश हो रही है तो कहीं धूप, निकल रही है। इस तरह का मौसम संक्रामक बीमारियों का कारण बन जाता है। यही कारण है कि महाराष्ट्र में मौसमी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में २६५ दिनों में मलेरिया के १३,२५० और डेंगू के ८,६८६ मरीज मिले हैं। इन दोनों रोगों से अब तक ३४ लोगों की मौत हुई है। इसी तरह चिकनगुनिया भी बेलगाम हो चुका है।
महाराष्ट्र में जनवरी से लेकर २१ सितंबर तक मलेरिया के कुल १३,२५० मामले सामने आए हैं, जबकि १५ की मौत हुई है। गढ़चिरौली में सर्वाधिक ५,६०३ मामले सामने आए और ११ की मौत हुई है। इसी तरह मुंबई में ४,९२१, नई मुंबई में ५६८, ठाणे में ५४१, एक की मौत, चंद्रपुर में ४८६, गोंदिया में ३४९, रायगढ़ में २८२, पनवेल में ५०० मामले सामने आए हैं। इसी तरह डेंगू के कुल ८,६८६ मरीज मिले, जबकि १९ की मौत हुई है।

चिकनगुनिया ने भी बढ़ाई चिंता
इसी तरह राज्य में चिकनगुनिया ने भी स्वास्थ्य विभाग का टेंशन बढ़ा दिया है। राज्य में २१ सितंबर तक कुल २,१६७ मामले सामने आए हैं। इसमें नागपुर में सर्वाधिक ७४१, मुंबई में ३३८, कोल्हापुर में ३८३, पुणे में ४१९, अमरावती में १५६ और अकोला में १२९ केस मिले हैं।

हाथ पर हाथ धरे बैठी है शिंदे सरकार
`घाती’ सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में कीटनाशक के छिड़काव के साथ ही घरों का सर्वे और मरीजों की खोजबीन व इलाज जारी है। मलेरिया के ८९ और डेंगू, चिकनगुनिया के लिए ५० सेंटीनल सेंटर्स की स्थापना की गई है। गांवों के तालाबों में गप्पी मछलियां छोड़ी जा रही हैं। १,१८० गांवों में दवाओं का छिड़काव किया गया है। राज्य में जिला स्तर पर रैपिड रिस्पोंस टीम कार्यरत हैं। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की देख-रेख के लिए ४०१ चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ ही अन्य कई उपाय करने का दावा स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया गया है। हालांकि, जिस तरह से मरीज बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए यह साफ दिखाई दे रहा है कि सभी उपाय नाकाम हो रहे हैं।

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