दीपक शर्मा / जम्मू
छड़ी मुबारक-भगवा वस्त्रधारी भगवान शिव की पवित्र गदा-को जारी वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा के हिस्से के रूप में विशेष पूजा के लिए श्रीनगर के ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर में ले जाया गया। महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक स्वामी अमरनाथ जी को सदियों पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार ‘हरियाली-अमावस्या’ (श्रावण अमावस्या) के अवसर पर पूजा के लिए गोपाद्री पहाड़ियों पर स्थित ऐतिहासिक शंकराचार्य मंदिर ले जाया गया। छड़ी के संरक्षक गिरि ने कहा कि शंख की ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छड़ी ‘पूजन’ किया गया।
गिरि ने कहा कि पवित्र छड़ी के साथ आए साधुओं ने पूजा में भाग लिया और जम्मू-कश्मीर की शांति और समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना भी की गई।
महंत ने कहा कि लोगों की भलाई के लिए विशेष प्रार्थनाएं की गईं।
उन्होंने बताया कि छड़ी मुबारक को गुरुवार को देवी के दर्शन के लिए यहां हरि पर्वत स्थित ‘शारिका-भवानी’ मंदिर ले जाया जाएगा। गिरि ने कहा कि शनिवार को यहां श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़े में छड़ी-स्थापना के लिए अनुष्ठान किया जाएगा, जिसके बाद सोमवार को ‘नाग-पंचमी’ के शुभ अवसर पर दशनामी अखाड़े में छड़ी-पूजन किया जाएगा। महंत गिरि 26 अगस्त को पहलगाम, 28 अगस्त को चंदनवाडी और 28 अगस्त को ही शेषनाग में रात्रि विश्राम के बाद 29 और 30 अगस्त को पंचतरणी के बाद 31 अगस्त को ‘श्रावण-पूर्णिमा’ की सुबह पूजन और दर्शन करने के लिए पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में पवित्र छड़ी को ले जाएंगे। ।
पवित्र गुफा मंदिर में पूजा के बाद अगले दिन पहलगाम में लिद्दर नदी में ‘विसर्जन’ किया जाएगा। गिरि ने कहा कि यह संतोष की बात है कि यात्रा सुचारू रही और कोई घटना नहीं हुई। “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने हमेशा यात्रा का समर्थन किया है और मुझे यकीन है कि यह जारी रहेगा। जब हम यात्रियों का स्वागत करेंगे तो इससे पूरे देश में एक संदेश जायेगा। मुझे लगता है कि आने वाले समय में अधिक लोग यात्रा करेंगे और सुविधाएं भी बेहतर होंगी।” आगे महंत ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में 1989 से पहले की तरह शांति और समृद्धि की वापसी के लिए पवित्र गुफा मंदिर में प्रार्थना करेंगे।