मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के चितरंगी ब्लॉक के धानी ग्राम पंचायत में अजब-गजब चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां भ्रष्टाचार का खेल देखने को मिला। सिंगरौली जिले में कमला पाठक की २७ सितंबर २०२० में मौत हो चुकी है, लेकिन आज भी वह जीवित है। न सिर्फ जीवित है बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट के तहत काम भी कर रही है और उनके काम का भुगतान भी हो रहा है। उनकी मौत के बाद उन्हें धरातल पर किसी ने देखा नहीं, लेकिन मौत के बाद भी इसी धरातल पर अदृश्य होकर वह मनरेगा के तहत तालाब खुदाई से लेकर अन्य कार्य में अपना योगदान दे रही है। बता दें कि धानी ग्राम पंचायत में मस्टररोल में मुर्दों के नाम भी भरकर उन्हें मजदूरी करते हुए दिखाकर उनके नाम का पैसा हड़पा जा रहा है।
बता दें कि धानी गांव सिंगरौली जिले की सीमा से जुड़ा हुआ है, जो जिले का अंतिम गांव है। जिले की आखिरी ग्राम पंचायत होने के कारण अधिकारी इस गांव तक सरकारी योजनाओं का निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं। यही वजह है कि सरपंच और सचिव मिलकर मनमानी करते हैं। वैसे भी यहां मजदूरों की बजाय अधिकतर काम मशीन के जरिए कराए जाते हैं और बहुत से ऐसे कार्य हैं जो कराए ही नहीं गए लेकिन उक्त कामों को पूर्ण दिखाकर मजदूरी का पैसा निकाल लिया गया है।
अदृश्य के भी बने हैं जॉब कार्ड
इसके कुछ जीते-जागते प्रमाण भी हैं। जैसे कमला देवी पाठक पत्नी सरपंच पाठक निवासी धानी की मृत्यु २७ सितंबर २०२० को हो गई थी। मृत्यु होने के बाद भी कमला पाठक जॉब कार्ड धारक हैं। उनका जॉब कार्ड संख्या १२३ है। मृतक कमला अपने जॉब कार्ड संख्या १२३ में मनरेगा के कार्यों में मजदूरी कर रही हैं, जिनके नाम से लगातार मजदूरी का पैसा निकाला जा रहा है।