सामना संवाददाता / मुंबई
किसी समय हम सभी देश में ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देते थे। उस समय हमारा सीना अभिमान से फूल जाता था। इस देश की रक्षा, देश को बचाने की जिम्मेदारी किसानों के साथ ही जवानों के कंधों पर है। लेकिन आज दुभार्ग्य से दस सालों में देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और राज्य में फडणवीस की सरकार आने के बाद से जवान से लेकर किसान तक सब हाल- बेहाल हैं। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे का कल हिंगोली के उमरखेड़ में जनसंवाद दौरा था। इस दौरान संजय राऊत ने कहा कि भले ही आकाश से सूरज आग उगल रहा है, झुलसे रहे हो, पसीने की धार बह रही हो, लेकिन आप इतनी बड़ी संख्या में शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के विचारों को सुनने के लिए एकत्र हुए हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने जो तूफान पैदा किया है, जोरदार आंदोलन खड़ी किया, संघर्षयात्रा खड़ा की है, हम उस संघर्ष के महत्वपूर्ण घटक हैं। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र, किसानों और श्रमिकों के लिए लड़ रहे हैं। यह महाराष्ट्र किसानों और मजदूरों के पसीने से बना है। आज जब वही किसान और मजदूर मुसीबत में हैं, तो हम उद्धव ठाकरे को हमारे लिए महाराष्ट्र के कोने-कोने में घूमते हुए देखते हैं। संजय राऊत ने कहा कि हमारे विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने किसानों की दुर्दशा का लेखा-जोखा दिया। कभी इस देश में जब हम ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा लगाते थे तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता था। इस देश की रक्षा करने की, देश का विस्तार करने की, देश बनाने की जिम्मेदारी इस देश के किसानों और सीमा पर लड़ने वाले जवानों पर है, लेकिन आज दुर्भाग्यवश जब से इस देश में नरेंद्र मोदी सरकार और महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार आई है, तब से जवानों और किसानों की दुर्दशा हो रही है।
हमें २०१४ से पहले वाले अच्छे दिन लौटा दीजिए
नरेंद्र मोदी ने २०१४ में एक घोषणा की थी। घोषणा थी कि अगर मैं सत्ता में आया तो किसानों की आय दोगुनी कर दूंगा। दोगुना तो छोड़िए, जो मिल रहा था वह भी कम हो गया। हमें अच्छे दिन नहीं चाहिए, हमें २०१४ से पहले वाले अच्छे दिन लौटा दीजिए। हम हमेशा खुशहाल रहेंगे। सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने किसानों, देश और महाराष्ट्र को लूट लिया है। दो करोड़ नौकरियां देनी थीं। लेकिन मराठवाड़ा में १०० लोगों को भी रोजगार नहीं मिला, तो फिर किसे रोजगार मिला? यदि मुट्ठी भर दस लोगों, अमित शाह के बेटे, जय शाह, एकनाथ शिंदे या अजीत पवार को किसे रोजगार मिला, आपको मिला? किसने ४० गद्दार विधायकों को पैसे दिया, आपके पास उन्हें ५०-५० करोड़ रुपए देने के लिए पैसा है, लेकिन कृषि उपज के लिए गारंटी मूल्य नहीं है। शिवसेना सांसदों को १००-१०० करोड़ में खरीदते हो और किसानों के माल, गन्ना, सोयाबीन, कपास के दाम देने के लिए पैसे नहीं हैं। इस तरह की अवस्था महाराष्ट्र की है। साल २०१४ में गैस सिलेंडर ४०० रुपए में मिलता था, अब उसके लिए ११-१२ सौ रुपए चुकाने पड़ते हैं। ये आपके अच्छा दिन हमें नहीं चाहिए।
उद्धव ठाकरे के हाथों में देना है राज्य का नेतृत्व
संजय राऊत ने कहा कि एक बार फिर राज्य का नेतृत्व उद्धव ठाकरे के हाथों में देना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उद्धव ठाकरे ने सभी का ख्याल रखा। हमारी जान बचाई, हमारे बच्चों को बचाया। पूरे देश में लाशों के ढेर लग गए, कब्रिस्तानों में जगह नहीं बची। योगी आदित्यनाथ के राज्य में कोरोना काल में हजारों शव गंगा में फेंके जा रहे थे। उस दौरान मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उद्धव ठाकरे राज्य के हर परिवार का ख्याल रख रहे थे। इसलिए वे हमारे परिवार के मुखिया बन गए और रहेंगे। संजय राऊत ने अपील की कि हमें इस भगवा झंडे को महाराष्ट्र की विधानसभा और दिल्ली की गद्दी तक ले जाना है।