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अमेरिका की सटकी! … अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का दिया हवाला धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने की इंडिया को ब्लैकलिस्ट करने की मांग

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका की एक बार फिर सटक गई है। अब उसने हिंदुस्थान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है। यह मांग वहां के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने की है। इस अमेरिकी आयोग का कहना है कि हिंदुस्थान में अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों पर अत्याचार किया जाता है इसलिए उसे ब्लैकलिस्ट में डाला जाना जरूरी है।
बता दें कि यह आयोग पूर्व में भी हिंदुस्थान के खिलाफ ऐसे सुझाव दे चुका है। २०२२ की सालाना रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि हिंदुस्थान को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाला जाना चाहिए। इस सूची को ही ब्लैक लिस्ट कहा जाता है। इस सूची में डाले जाने के बाद हिंदुस्थान पर आर्थिक पाबंंदियां भी लग सकती हैं।
इस आयोग का कहना है कि हिंदुस्थान की सरकार अल्पसंख्यकों से भेदभाव करनेवाली पॉलिसी बना रही है। सरकार न सिर्फ राष्ट्रीय, बल्कि राज्य और लोकल स्तर पर भी ऐसे कानून बना रही है, जिससे अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो रहा है। अमेरिका की रिपोर्ट में गौ हत्या, धर्म परिवर्तन और हिजाब पर बने कानूनों का जिक्र है। बताया गया है कि इन कानूनों की वजह से मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों, दलितों और आदिवासियों पर इसका निगेटिव असर पड़ा है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार विरोधियों की आवाज को दबा रही है। खासकर उनकी, जो अल्पसंख्यक समुदाय के हैं और अपने हकों की आवाज उठाते हैं। हालांकि, अमेरिका का यह आयोग केवल सुझाव दे सकता है। ये सरकार की मंशा पर निर्भर करता है कि वो इसे मानेगी या नहीं। आयोग का कहना है कि जो बाइडेन हिंदुस्थान के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकामयाब रहे हैं। अमेरिका हमारे सुझावों के बावजूद हिंदुस्थान से रिश्ते मजबूत कर रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापार ९८ लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।

ब्लैकलिस्टेड
• म्यांमार
• क्यूबा
• इरिट्रिया
• ईरान
• निकारागुआ
• उत्तरी कोरिया
• तजाकिस्तान
• तुर्कमेनिस्तान

इन देशों पर भी खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक कमीशन ने हिंदुस्थान के अलावा अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया और वियतनाम को भी ब्लैक लिस्ट करने की मांग की है। वहीं चीन, पाकिस्तान और सऊदी समेत ८ और देशों को फिर से इस सूची में शामिल करने को कहा है।

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