-अब तक मात्र १९ आवेदनों को ही मिल सकी है मंजूरी
सामाना संवाददाता / मुंबई
राज्य की ‘घाती’ सरकार जुमलेबाजी से बाज नहीं आ रही है। हाल ही में घोषित ‘लाडली बहन योजना’ के लिए लाखों लाभार्थी की बात कही गई है। पर हकीकत में यह जुमला साबित हुआ है। इस मामले में बीड से हैरान करनेवाली खबर आई है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) सांसद अमोल कोल्हे ने राज खोला है, जिसके अनुसार, वहां कुल ३२ लाख महिलाओं के आवेदन आए हैं, लेकिन इसमें से केवल १९ महिलाओं के आवेदन को ही मंजूर किया गया है।
क्या तीन हजार रुपए खाते में आए?
‘लाडली बहन योजना’ पर एक-दूसरे से सवाल पूछ रहे हैं लोग
क्या तीन हजार रुपए खाते में आए? इस तरह का सवाल ‘लाडली बहन योजना’ पर लोग एक-दूसरे से पूछ रहे हैं। असल में बीड जिले में ३२ लाख आवेदनों में से सिर्फ १९ आवेदन ही मंजूर हुए हैं। इस बात का खुलासा राकांपा (शरदचंद्र पवार) के सांसद अमोल कोल्हे ने करते हुए उक्त आंकड़े भी दिखाए।
बता दें कि राज्य के बजट में महिलाओं के लिए महायुति सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना’ लागू की गई है। कुछ जगहों पर तो महिलाओं को ये पैसे उनके खाते में मिल भी गए हैं। राज्य के लाखों घरों की महिलाओं ने इस योजना के लिए फॉर्म भरे हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना से अब तक ८० लाख महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही लाभ की राशि सभी पात्र महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जा रही है। खबर थी कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर महिलाओं के खाते में पैसे जमा हो जाएंगे। अब योजना पर सांसद अमोल कोल्हे ने बीड में आंकड़े दिखाकर हमला बोला है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह लाडली बहन योजना नहीं बल्कि ‘लाडली पर्दा योजना’ है। हमने तो अब तक सुना है, कोई चप्पल खरीद सकता है, कोई सुपारी खरीद सकता है, कोई कपड़े खरीद सकता है, लेकिन महाराष्ट्र ने कभी नहीं सुना था कि विधायक और मंत्री भी खरीदे जा सकते हैं। भाजपा ने इसे महाराष्ट्र में खरीदकर दिखाया। क्या ‘आपको पचास खोके, एकदम ओके’ याद नहीं हैं। इसे मत भूलिएगा।
पर्दा डालने के लिए लाई जा रही योजनाएं
महाराष्ट्र में पार्टियां तोड़ी जाती हैं। गद्दारी की जाती है। चिह्न और नाम चुराए जाते हैं। इन सभी पर पर्दा डालने के लिए ऐसी योजनाएं लाई जाती हैं। महायुति सरकार इस भ्रम में है कि इससे इन पर पर्दा डाला जाएगा। महायुति सरकार के नेताओं को लगता है कि जनता सब कुछ भूल जाएगी। लेकिन इस महाराष्ट्र का इतिहास है। जिस व्यक्ति ने मिट्टी से गद्दारी की, उसे वैâसे गाड़ा जाता है, उसे दिखाया है।