सामना संवाददाता / ठाणे
निजी इमारतों को खतरनाक घोषित कर इमारत को खाली करवाने और लोगों को बेघर करने का षड्यंत्र बिल्डर और मनपा अधिकारी रच रहे हैं। शिवसेना उपजिलाप्रमुख संजय घाड़ीगांवकर ने सबूतों के साथ नागरिकों की ठगी का पर्दाफाश किया है। वहीं उन्होंने मांग की है कि अगले १५ दिनों के भीतर इन नागरिकों को न्याय दिया जाए और उन्हें गलत जानकारी देने वाले आर्किटेक्ट्स के लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं, इतना ही नहीं ऐसे आर्किटेक्ट्स और डेवलपर्स को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
बात दें कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ठाणे उपजिलाप्रमुख संजय घाड़ीगांवकर ने कल ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। इस मौके पर उन्होंने इस बात के सबूत भी पेश किए कि किराएदारों और मकान मालिकों को कैसे धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल खड़ा किया कि जब निजी संपत्ति के प्लॉट हों तो ऐसी कार्रवाई वैâसे की जा सकती है? नौपाड़ा, उथलसर, कोपरी ठाणे शहर की नगर परिषद सीमा के अंतर्गत आते हैं, यहां पुरानी चालियां और इमारतें हैं। इसमें रहने वाले मकान मालिक और किराएदार कई वर्षों से वहां रह रहे हैं। लेकिन किसी वजह से उनके बीच विवाद हो जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वार्ड कमेटी के सहायक आयुक्त, उपायुक्त निजी इमारतों को खतरनाक घोषित कर निवासियों को बेघर करना चाहते हैं। एक खतरनाक इमारत को ध्वस्त करने के बाद डेवलपर विवादकर्ताओं को अस्थाई आवास प्रदान करने के लिए बाध्य नहीं हैं। वहीं ठाणे मनपा लोगों का अस्थाई पुनर्वास भी नहीं देता, इसलिए डेवलपर दो साल के अस्थाई आवास के लिए किराएदार को किराया भी नहीं देता है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि डेवलपर और मनपा अधिकारियों के मिलीभगत से डील की जा रही है।
इन मांगों को करो पूरा!
ठाणे मनपा द्वारा अनुमोदित भवन मानचित्र पर फ्लैटों के घर मालिक और किराएदारों का नाम चित्रित करने, भवन मानचित्रों की प्रतियों पर उन किराएदारों-फ्लैट धारकों के नाम दर्ज करने का आदेश दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि उपनगरीय इंजीनियरों और नगर विकास विभाग के सभी कार्यकारी अभियंताओं को ऐसे निर्देश दिए जाने चाहिए।