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एक मामूली आदमी ने १२ प्राइवेट कंपनियां बना … १० हजार करोड़ भेजे विदेश! …२६९ बैंकों से रकम ट्रांसफर …प्रवर्तन निदेशालय ने किया पर्दाफाश

सामना संवाददाता / ठाणे
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसके तहत एक ही आदमी ने १० हजार करोड़ रुपए की रकम विदेश भेज दी। ठाणे के रहने वाले जितेंद्र पांडेय पर आरोप है कि उसने २६९ बैंक खातों के जरिए इस पूंजी को ट्रांसफर किया। यही नहीं इस रकम के लिए उसने ९८ डमी कंपनियां बनार्इं, १२ प्राइवेट कंपनियां भी बनार्इं। इन्हीं कंपनियों के नाम पर रकम जुटाई गई और फिर उसे विदेशों में ट्रांसफर कर दिया गया। आरोपी ने हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और थाईलैंड में स्थित कंपनियों के खातों में यह मोटी रकम भेजी। माल भाड़े के नाम पर यह रकम ट्रांसफर कर दी गई। इन्हीं फर्जी कंपनियों के नाम पर २६९ बैंक खाते भी खुलवाए गए और फिर प्रâॉड हुआ।
दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने २ जनवरी को ही मुंबई, ठाणे और वाराणसी की ११ लोकेशंस पर रेड मारी थी। यह मामला विदेशों में अवैध तरीके से रकम ट्रांसफर का था। इसी की जांच के दौरान सामने आया कि वैâसे आरोपी ने १० हजार करोड़ का बड़ा खेल कर दिया। रेड के दौरान एजेंसी ने एक करोड़ रुपए वैâश और ज्वेलरी बरामद की। इसके अलावा कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति की जानकारी मिली है। दरअसल, ठाणे पुलिस ने आरोपी एवं अन्य कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर की थी। इसी के आधार पर ईडी ने जांच तेज की थी। ईडी का कहना है कि इन लोगों ने सेल कंपनियों का एक नेटवर्क बनाया था और उनके नाम पर ही बैंक खाते खुलवाए गए थे।
फिर इन बैंक खातों के जरिए १० हजार करोड़ से ज्यादा की रकम विदेशों में भेजी गई। ठाणे पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने आरोपी और कुछ अन्य लोगों को अरेस्ट किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक की जांच के आधार पर कहा है कि विदेशों में माल भेजने या मंगाने के नाम पर यह सब खेल हुआ है। अब तक यह जानकारी नहीं मिली है कि यह रकम किन लोगों की है, जो ट्रांसफर की गई। ईडी के अनुसार, आरोपी और उसके साथियों को कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट मदद कर रहे थे। फिलहाल, इस मामले की जांच तेज है और कुछ चौंकाने वाले खुलासे आने वाले दिनों में और हो सकते हैं।

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