• हर साल बर्बाद होता है ५.२१ लाख लीटर खून
• देश में ८.८३ लाख लीटर खून की कमी
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
रक्तदान जीवनदान है, लेकिन इसकी कमी से हिंदुस्थान में हर छठे मिनट पर एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। खून की कमी होने के बावजूद २०१४ से लेकर २०१७ तक ३,४७८,६०७ लाख ब्लड यूनिट बर्बाद हुआ। ऐसा सिर्फ खून के रखरखाव में कमी की वजह से होता है यानी देश में हर साल करीब ५२१,७९१ लीटर खून बर्बाद हो रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एक यूनिट में ४५० मिलीलीटर खून होता है। एक यूनिट से तीन लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। लोकसभा में पेश रिपोर्ट के मुताबिक देश में १४ राज्यों के ७६ जिलों में अब भी ब्लड बैंक नहीं है। देश में अपनी जरूरत से ज्यादा खून सिर्फ चार राज्यों में ही जमा होता है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, प. बंगाल, कर्नाटक , तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश भी ज्यादा खून जमा करने वाले राज्यों में है लेकिन वह अपनी जरूरत भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा सिर्फ खून के रखरखाव में कमी की वजह से होता है।
किस साल कितने यूनिट बर्बाद हुआ खून
२०१४-१५ – १,०१९,०९५
२०१५-१६ – १,२७७,६५८
२०१६-१७ – १,१८१,८५४
सबसे ज्यादा खून
जमा करने वाले पांच राज्य
महाराष्ट्र-१४,६००५० जमा किया, १,२१,३,६२१ जरूरत
प. बंगाल-१०,४९,६१९ जमा किया, ९,१३,४७७ जरूरत
कर्नाटक-९,६००४९ जमा किया, ६,११,३०७ जरूरत
तमिलनाडु-८,८५,८२० जमा किया, ७,७८,८१५ जरूरत
उत्तर प्रदेश-८,६२०५९ जमा किया, २२,३८,९७४ जरूरत
सबसे कम खून जमा करने वाले पांच राज्य
दमन-दीव- १७३५ जमा किया, २४२९ जरूरत
अंडमान-निकोबार-२,२०४ जमा किया, ३,७९९ जरूरत
अरुणाचल प्रदेश-५,३५५ जमा किया, १३,८२६ जरूरत
सिक्किम-५,६१८ जमा किया, ६०,७७ जरूरत