सामना संवाददाता / मुंबई
ईडी सरकार ३० सितंबर तक वेतन बढ़ोतरी, ग्रेच्युटी और मासिक पेंशन पर पैâसला नहीं लेती है, तो आंगनवाड़ी सेविकाएं और आक्रामक रुख अपनाएंगी। उन्होंने साफ तौर पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगों को लेकर ३० सितंबर तक सरकार ने शासनादेश जारी नहीं किया तो वे एक अक्टूबर से पूरे राज्य में चक्का जाम करेंगी।
आंगनवाड़ी सेविकाओं के आंदोलन को पांच दिन पूरे हो गए हैं। ढाई करोड़ लाडली बहनों का काम करने वाली आंगनवाड़ी सेविकाएं अपने अधिकारों के लिए आजाद मैदान में धरने पर बैठी हैं। २३ सितंबर से आंगनवाड़ी सेविकाएं अनिश्चितकालीन अनशन पर थीं। इस बीच २४ सितंबर को महिला व बाल विकास मंत्री ने आश्वासन दिया था कि २६ सितंबर को वित्त मंत्री के साथ और वैâबिनेट में चर्चा करने के लिए बैठक की जाएगी। उनके आश्वासन के बाद अनिश्चितकालीन अनशन को अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील कर दिया गया। लेकिन उनकी मांगों पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।
सरकार पर नहीं पड़ रहा कोई असर
२५ सितंबर को लगभग १६,००० आंगनवाड़ी सेविकाओं ने सत्याग्रह किया। साथ ही अपनी गिरफ्तारी दी। इससे पूरी पुलिस व्यवस्था डगमगा गई थी। मुंबई में आंगनवाड़ी सेविकाओं ने २६ सितंबर को अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। साथ ही वैâबिनेट द्वारा मांगों को स्वीकार किए जाने और सरकारी आदेश जारी होने तक इसे जारी रखने के अपने दृढ़ संकल्प की घोषणा की। इसके बावजूद सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।