उमेश गुप्ता/वाराणसी
यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के हनुमान जी पर दिए बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। वाराणसी में मंगलवार को सपा कार्यकर्ता हनुमान जी की तस्वीर लेकर जिला मुख्यालय पहुंच गए। वहां पर राजभर के बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। उसके बाद प्रशासन से हनुमान जी का जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा-“बजरंगबली राष्ट्र के…, ना ही किसी कास्ट के… पहले राष्ट्र फिर कास्ट।” राजभर से बयान के लिए माफी मांगने की भी मांग की।अधिकारियों के समझाने के बाद वे वापस लौट गए।
समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष संदीप मिश्रा आज मंगलवार को दोपहर में कार्यकर्ताओं के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने हाथों में तख्तियां थाम रखी थी। उस पर स्लोगन लिखा था ‘ओमप्रकाश राजभर होश में आओ’। उन्होंने हाथों में जाति प्रमाण पत्र का फार्म भी ले रखा था। एसडीएम कमरे में नहीं थे तो पेशकार को आवेदन पत्र दिया। जो जाति प्रमाण पत्र से संबंधित था। कार्यकर्ताओं ने जाति आवेदन पत्र में बतौर आवेदक हनुमान जी का नाम बजरंगबली, पिता वाले कालम में वनराज केसरी, माता का नाम अंजनी देवी और पता संकटमोचन, साकेत नगर, थाना लंका वाराणसी लिखा था। जाति वाले कालम में सर्व समाज लिखा था।
इस दौरान समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष ने कहा- कैबिनेट मंत्री की भाषा हमेशा से अमर्यादित रही है। वे अक्सर अपशब्दों का प्रयोग करते रहते हैं। अब उन्होंने हनुमान जी को राजभर जाति का बता दिया। यह अत्यंत आपत्तिजनक है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी महादेव रुद्र के 11वें अवतार हैं। उनका अपमान काशी के वासी नहीं सहेंगे।
बता दे कि एक जनसभा का सबाधित करते हुए ओपी राजभर ने कहा था कि “हनुमान जी का जन्म राजभर जाति में हुआ था। जब (राक्षस) अहिरावण राम जी और लक्ष्मण जी को पाताल पुरी ले गया, तो किसी में उन्हें वापस लाने की हिम्मत नहीं थी। केवल राजभर जाति में जन्मे हनुमान जी में ही ऐसा करने का साहस था। हनुमान जी ही राम और लक्ष्मण जी को पाताल पुरी से बाहर लाए थे।