मैदान में उतरा हिंदू महासंघ
सामना संवाददाता / मुंबई
कसबा विधानसभा उपचुनाव के लिए हेमंत रासने को उम्मीदवारी देने के बाद भाजपा में भारी कलह देखने को मिल रही है। मुक्ता तिलक के परिवार को टिकट दिया जाए, ऐसी मांग होने के बाद भी भाजपा ने हेमंत रासने पर विश्वास दिखाया है। रासने पर कसबा का गढ़ रखने की जवाबदारी दी गई है। अब रासने को उम्मीदवारी देने के बाद कसबा में भाजपा के पारंपरिक मतदाता रहे, ब्राह्मण समाज में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। इतना ही नहीं कसबा में एक बैनर लगाया गया है और इस बैनर के माध्यम से ब्राह्मण समुदाय के साथ हुए अन्याय को उजागर किया गया है। `कुलकर्णी का निर्वाचन क्षेत्र गया… तिलक का निर्वाचन क्षेत्र चला गया… अब नंबर बापट का?’ अब नहीं सहेगा समाज?’
ऐसा कसबा में लगाए गए बैनर पर लिखा है। इस बैनर पर किसी का नाम नहीं लिखा है बल्कि शहर के एक जागरूक मतदाता का ही नाम है। इसी को आधार बनाकार हिंदू महासंघ के आनंद दवे ने अब कसबा के उपचुनाव में मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। आनंद दवे आज नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं। दवे ने कहा कि मैं स्वयं कसबा निर्वाचन क्षेत्र से हिंदू महासंघ के उम्मीदवार के रूप में आवेदन भर रहा हूं। यह चुनाव कठिन भी है और जिद का भी है।
अगला नंबर गिरीश बापट का?
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बीमार भाजपा सांसद गिरीश बापट का भी पत्ता काटकर भाजपा आनेवाले लोकसभा चुनाव में एक नया चेहरा देने की तैयारी में है, जिससे ब्राह्मण समाज भाजपा से नाराज है। इन सब बातों से स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा को इस उपचुनाव में जरूर झटका लगेगा। इससे पहले २०१९ के विधानसभा चुनाव में कोथरूड की तत्कालीन विधायक मेधा कुलकर्णी का टिकट काटकर तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को चुनाव लड़ाया गया था।