-२२ जुलाई को दिल्ली में जुटेंगे देश के किसान
-सरकार एमएसपी पर लोगों को कर रही गुमराह
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों को हासिए पर रखे जाने के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ा है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी दर्शाई है। किसान संगठनों की संयुक्त बैठक में आगामी २२ जलाई को दिल्ली में देश के किसान जुटेंगे। पंजाब के खन्नौरी सीमा पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा की साझी बैठक हुई। इसमें किसान संगठनों ने कई बड़े पैâसले लिए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनुसार, २२ जुलाई को दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में किसानों की सभा होगी। किसानों ने कहा कि यदि २० जुलाई तक सरकार मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात नहीं करती है तो अगले महीने बड़ा आंदोलन करेंगे।
डल्लेवाल के अनुसार, सरकार एमएसपी पर लोगों को गुमराह कर रही है। सरकार के समर्थक लोग गलत प्रचार कर रहे हैं कि किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने से बजट पर करीब साढ़े १७ लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कन्वेंशन के जरिए विपक्षी दलों के सांसदों से मांग की जाएगी कि वह वादे पर खरा उतरते हुए संसद में एमएसपी की कानूनी गारंटी का प्राइवेट बिल लाएं। साथ ही संसद में किसानों व मजदूरों की कर्ज मुक्ति, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को उनकी फसलों के दाम मिलना तय कराने संबंधी आवाज उठाकर केंद्र पर दबाव बनाएं। सरकार का गजब का तर्क है व्यापारियों को हो रहे घाटे व लोगों की परेशानी के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि इसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं है। डल्लेवाल ने कहा है कि अपील है कि व्यापारी व आम लोग किसानों के साथ आकर लड़ाई में उनका साथ दें।
राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे सैकड़ों किसान
अपनी मांगों को लेकर किसान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। ताकि उनकी मांगों को सदन में उठाया जा सके और सरकार पर दबाव बनाया जा सके। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही रायबरेली से लौटते वक्त मोहनलालगंज में किसानों को देख कर राहुल गांधी सड़क पर रुके और उनसे बात की। मोहनलालगंज में किसानों के विरोध प्रदर्शन को देख कर राहुल गांधी रुके और उनकी समस्याएं सुनी। किसानों ने ज्ञापन देकर राहुल गांधी से अपनी समस्याएं बताई। किसानों ने तहसील स्तर के अधिकारियों से न्याय न मिलने की समस्याएं बताई।