मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंबई की बहनों का एलान : अनुदान नहीं सम्मान चाहिए! ... ‘घाती’...

मुंबई की बहनों का एलान : अनुदान नहीं सम्मान चाहिए! … ‘घाती’ सरकार पैसों पर तौल रही रिश्त

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र में अभी विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान नहीं हुआ है, लेकिन प्रदेश की सियासत अभी से करवटें लेने लगी है। लोकसभा चनाव में करारी शिकस्त के बाद जागी ‘घाती’ सरकार कई तरह की लोकलुभावन योजनाएं ला रही है। इसमें सबसे ज्यादा सुर्खियों में ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’ चल रही है। फिलहाल, राज्य में कई बहनों के खातों में दो किस्त के तौर पर ३,००० रुपए भेजे जा चुके हैं। इन सबके बीच कल रक्षाबंधन के अवसर पर मुंबई की बहनों ने साफ तौर पर एलान किया है कि हमें अनुदान नहीं, बल्कि सम्मान चाहिए। उनका कहना है कि महायुति सरकार रिश्तों को पैसों पर तौलने का काम कर रही है। लेकिन सरकार की यह कोशिश कतई कामयाब नहीं होगी।

लोकसभा चुनाव में हार से घबराई
‘घाती’ सरकार नई
घोषणाओं में व्यस्त!
वोटरों को लुभाने के लिए नई-नई योजनाओं का लॉलीपॉप
महाराष्ट्र में गत मई में हुए लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से महायुति सरकार बौखला गई है और आए दिन वोटरों को नई योजनाओं की घोषणा का लॉलीपॉप दिखा रही है। इसी में से एक ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’ भी है। इस योजना को लेकर कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में झटका लगने के बाद राज्य में महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता शुरू की गई है। हालांकि, महिलाओं का आरोप है कि गद्दारी से बनी महायुति सरकार पूरी तरह से स्वार्थी है, जो पैसों से भाई और बहन के रिश्तों को तौल रही है। ऐसे में उनका साफ कहना है कि हमें किसी भी लालच में नहीं पड़ना है। हमें केवल समाज में उचित सम्मान मिलना चाहिए।
प्रचार पर करोड़ों बर्बाद
‘लाडली बहन योजना’ के प्रचार और विज्ञापन पर २०० करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार ने इसमें से १९९,८१,४७,४३६ रुपए की राशि को मंजूरी देते हुए बाकायदा शासनादेश जारी कर दिया है। इतनी राशि यह सरकार केवल एक योजना के प्रचार और प्रसार पर खर्च कर रही है। ऐसी कई योजनाओं पर इसी तरह से पैसे बहाए जा रहे हैं। आंगनवाड़ी संगठन के राजेश सिंह ने कहा कि उनके लिए घोषित मानधन वृद्धि के लिए जीआर जारी होना बाकी है। इसके लिए वे कई महीनों से संघर्ष कर रहे हैं। बुधवार को हम मानधन वृद्धि को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं। यह सरकार ‘लाडली बहन योजना’ के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन लोगों की सेवा करनेवाली आंगनवाड़ी सेविकाओं के मानधन में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
मुंबई में महिलाएं सुरक्षित नहीं
मुंबईकर सुषमा दुबे ने कहा कि मुंबई को एक सुरक्षित शहर माना जाता है, लेकिन अब यही शहर महिलाओं के लिए असुरक्षित हो चुका हैं। सड़क पर चल रही महिला अगर रात को बाहर दिखती है तो लोग पीछा करते हैं, कुछ लोग घूरते हैं। इस तरह की घटनाएं मुंबई में भी आम होती जा रही है। इसे सुधारने की बजाय यह सरकार पैसों का लालच देकर फिर से सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, जिसमें वह सफल नहीं होगी, क्योंकि इस सरकार की सच्चाई अब सबके सामने आ चुकी है।

 

 

 

अन्य समाचार