सामना संवाददाता / मुंबई
कुर्ला-पश्चिम के कमानी क्षेत्र स्थित काजूपाड़ा रोड को नो पार्किंग जोन ट्रैफिक पुलिस ने घोषित किया है। इसके बावजूद यहां जमकर वाहन पार्क किए जाते हैं, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है और ट्रैफिक की समस्या जस की तस बनी हुई है।
गौरतलब है कि पाइपलाइन रोड के चौड़ीकरण की मांग पिछले ४० वर्षों से जनता द्वारा की जा रही थी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मनपा द्वारा इस मांग को लगातार नजरअंदाज किया गया। वर्ष २०१४ में स्वाभिमान सेवा संस्था द्वारा बांबे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में सड़क के चौड़ीकरण की मांग की गई थी। वर्ष २०१९ में बंबई हाईकोर्ट ने मनपा को सड़क निर्माण शीघ्र ही शुरू करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष २०२२ में सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो पिछले महीने ही पूरा हुआ है। अतिक्रमण की वजह से सड़क का निर्माण सिर्फ ४४ फीट चौड़ा ही हुआ है। सड़क के दोनों तरफ से सिर्फ एक गाड़ी जाने भर का रास्ता है, लेकिन सड़क के दोनों तरफ वाहनों के अवैध रूप से पार्किंग किए जाने की वजह से भयंकर ट्रैफिक जाम की समस्या हो जाती है। जनता की मांग पर मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग के अतिरिक्त आयुक्त एम. रामकुमार ने परिपत्रक जारी कर घोषणा की है कि ११ अगस्त से काजुपाड़ा पाइपलाइन से लेकर सेंट जूडेस हाईस्कूल तक सड़क के दोनों किनारे को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है। इस सड़क पर पार्किंग करने वाले वाहन चालकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ट्रैफिक पुलिस की यह घोषणा बेअसर दिखाई दे रही है।