सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केंद्र सरकार के इशारे पर सिर्फ विपक्षी नेताओं को ईडी निशाना बना रही है। पिछले कुछ महीनों से केंद्र सरकार के इशारे पर जांच एजेंसी ईडी ने एक और चाल चली। वह एक के बाद एक कई छापे मार रही है और गिरफ्तारियां भी कर रही है। हालांकि, ईडी के निशाने पर लगभग सारे विपक्षी नेता और राजनीतिक दल ही रहे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनावों के लिए ऐसा किया जा रहा है? इसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाला मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हुए। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने जांच के दौरान मिली सूचनाओं पर सवालों का जवाब देने के लिए केजरीवाल को गवाह के तौर पर जांच दल के समक्ष पेश होने को कहा था। इस मामले की जांच के सिलसिले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को २६ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। केजरीवाल अपनी कार से सीबीआई मुख्यालय पहुंचे, जहां दिल्ली पुलिस ने (आप) के नेताओं और कार्यकर्ताओं समेत १,५०० लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई द्वारा समन करने के लिए खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
गाजीपुर बॉडर्र से १५० लोग गिरफ्तार
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे १२ लोगों को गिरफ्तार किया। मुकरबा चौक, पीरागढ़ी चौक से भी लोगों को गिरफ्तार किया है। आनंद विहार से १००, द्वारका मोड़ से ५०, आईआईटी गेट से १७, अजमेरी गेट से २२, ओखला से २२, रहरौली से ७० और १५० लोगों को गाजीपुर बॉडर्र से भी गिरफ्तार किया गया है। कुल मिलाकर १,५०० लोगों को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया गया है।