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उत्तर की बात : २०२७ में यूपी जीतेगा `इंडिया’ …गठबंधन ने पूरी की तैयारी

रोहित माहेश्वरी लखनऊ

चुनाव आयोग के उपचुनाव की तारीख की घोषणा होते ही यूपी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। हालांकि, चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही बीजेपी, सपा, कांग्रेस बसपा और अन्य दलों ने तैयारियां शुरू कर रखी थीं। यूपी में विधानसभा की १० में से नौ सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर अभी उपचुनाव नहीं होगा। नौ सीटों पर उपचुनाव के लिए १३ नवंबर को वोटिंग होगी। यूपी में करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), मिल्कीपुर (अयोध्या), कटेहरी (आंबेडकरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), खैर (अलीगढ़), गाजियाबाद, फूलपुर (प्रयागराज), मझवा (मिर्जापुर) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) पर उपचुनाव होने हैं। सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि ९ विधायक, लोकसभा सदस्य बन चुके हैं। देखा जाए तो उपचुनाव बीजेपी और सपा तथा अन्य दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।
प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी सबसे पहले अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने मझवां, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर, कुंदरकी और मीरापुर सीट पर दावा किया था। सपा ने मझवां, फूलपूर सहित पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में अब कांग्रेस बाकी बची चार सीटों में से कुछ सीटें मिलने की बात कह रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पहले भी यह साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी का लक्ष्य भाजपा को हराना है। उपचुनाव की घोषणा होने के बाद कांग्रेस सभी नौ सीटों पर अपने प्रभारियों व पर्यवेक्षकों को और सक्रिय करेगी। सपा से गठबंधन के चलते कांग्रेस के हिस्से खैर व गाजियाबाद की दो सीटें आने की संभावना है। उपचुनाव की तैयारियों को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने बड़े नेताओं से लेकर प्रâंटल संगठनों के सदस्यों को जमीन पर उतार दिया है। सपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, जल्द पार्टी मुखिया अखिलेश यादव उपचुनाव वाली सभी सीटों पर प्रचार शुरू करेंगे।
सपा उपचुनाव की घोषणा से पहले ही इन सीटों पर लगातार कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही है, जिसमें सपा के बड़े नेता शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा अखिलेश उपचुनाव वाली सभी सीटों के जिलाध्यक्षों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ विधानसभा क्षेत्रवार बैठक कर चुके हैं। सपा ने करहल से तेज प्रताप यादव, सीसामऊ से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मझवां से डॉ. ज्योति बिंद को टिकट दिया है। इन सीटों पर अब चुनावी तैयारियों को पूरा कराया जाना है। इस मामले में पार्टी की पूरी टीम के लगने की योजना है। स्वयं राष्ट्रीय अध्यक्ष यूपी चुनाव २०२७ के सेमीफाइनल को जीतने की कोशिश में जुटने वाले हैं। सत्तारूढ़ भाजपा भी इन उपचुनाव की अहमियत को बखूबी समझती है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही सरकार और संगठन ने पहले चरण की तैयारी काफी पहले पूरी कर चुकी है। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। प्रदेश संगठन की ओर से हर सीट के लिए तीन-तीन नाम का पैनल केन्द्रीय नेतृत्व को भेजा जा चुका है।

अखिलेश की भाजपा को चुनौती
जिसने जंग टाली है, उसने जंग हारी है!
उत्तर प्रदेश की १० विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना था, लेकिन चुनाव आयोग ने ९ सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का एलान किया और अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव टाल दिया। इसको लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है। अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, `जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है। दरअसल, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट सपा और बीजेपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। सपा इस सीट पर अपने प्रत्याशी की भी घोषणा कर चुकी है।

(लेखक स्तंभकार, सामाजिक, राजनीतिक मामलों के जानकार एवं स्वतंत्र पत्रकार हैं)

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