मुख्यपृष्ठअपराधअंतर्वेग : शव के विसरा से खुला हत्या का राज

अंतर्वेग : शव के विसरा से खुला हत्या का राज

नागमणि पांडेय

कब्र में दफन शव के विसरे की जांच के बाद हत्यारे पत्नी और साले को उम्र वैâद की सजा सुनाई गई। पत्नी ने भाई के साथ मिलकर प्रॉपर्टी की लालच में पति को जहर देकर उसकी हत्या कर दी थी। लगभग ९ वर्ष बाद आए कोर्ट के इस पैâसले ने एक बार फिर इस घटना की याद दिला दी। हत्यारों ने घटना के बाद जौनपुर जाकर पति का शव दफना दिया था। कब्र से शव निकालकर पोस्टमार्टम में विसरे की फॉरेंसिक जांच हुई, जिसे काफी समय तक सुरक्षित रखा गया। फिर जांच रिपोर्ट में जहर देकर मारने की पुष्टि हुई। इसी आधार पर उन्हें सजा मिली।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी सैयद सरदार हुसैन ने नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके मुताबिक २० जून, २०१५ को उनके न्यू सरदार ट्रांसपोर्ट के मालिक के बेटे सैयद जफर अब्बास उर्फ आबिद हुसैन को उसकी पत्नी प्रयागराज के करेली निवासी नफीस फातिमा उर्फ शमा और साले फराज ने जहर देकर मार दिया है। साला बेटे के साथ ट्रांसपोर्ट का काम ही करता था। आनन-फानन में ससुराल वालों ने शव को जौनपुर के सदर इमामबाड़े में दफना भी दिया। मामले में नौबस्ता पुलिस ने पत्नी और साले के खिलाफ चार्जशीट भेजी। कोर्ट के समक्ष मृतक ट्रांसपोर्टर के भाई आरिफ अब्बास और मोहम्मद अब्बास समेत १५ लोगों ने गवाही दी। इसमें संपत्ति के लालच में आए दिन लड़ाई-झगड़ा करने की बात भी सामने आई। नौबस्ता पुलिस ने जौनपुर जाकर शव को कब्र से निकाला और उसका पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में जहर की पुष्टि भी हो गई। कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर सजा सुनाई, हत्यारे भाई-बहन पर जुर्माना भी लगाया। जफर की हत्या का खुलासा पिता और भाइयों की पैरवी से ही हुआ है।
हत्या से एक दिन पहले मृत्यु प्रमाण-पत्र का आवेदन
जफर के नाम पर कई ट्रक और संपत्ति थी इसलिए साले व पत्नी को लालच आ गया। वे जफर को रास्ते से हटाकर सब कुछ अपने नाम करना चाहते थे। हत्या करने के बाद परिजनों को बिना बताए उन लोगों ने जफर को दफना दिया था। बिना किसी बीमारी के अचानक जफर की मौत समेत अन्य बिंदु हत्या को साबित करने में मजबूत आधार बने। इसी पर उन्होंने पैरवी शुरू की। जफर की मौत २० जून, २०१५ को हुई। २१ जून को शव जौनपुर में दफनाया गया। नगरपालिका परिषद जौनपुर में मृत्यु प्रमाण-पत्र लेने के लिए १९ जून को ही आवेदन दे दिया गया था। इस मामले में भी साले व पत्नी के खिलाफ जौनपुर में कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का मुकदमा चल रहा है। हत्या के मामले मे कोर्ट ने उम्र वैâद की सजा तो सुना दी है लेकिन फर्जी तरीके से कागजात तैयार करने का मामला अभी कोर्ट के समक्ष चल रहा है।

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