सामना संवाददाता / मुंबई
पश्चिम बंगाल की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी बलात्कार विरोधी विधेयक लाने की आवश्यकता है। यह बात राकांपा (शरदचंद्र पवार) पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कही। उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक को महाराष्ट्र में दोहराने की वकालत की, जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कथित टिप्पणी पर भी पवार ने कटाक्ष किया कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को नहीं लूटा और कहा कि किसी को भी लोगों के सामने गलत इतिहास पेश नहीं करना चाहिए। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने गत मंगलवार को सर्वसम्मति से महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन) विधेयक २०२४, राज्य बलात्कार विरोधी विधेयक पारित कर दिया, जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। यदि उनके कृत्यों के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या उसे छोड़ दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में दोषी को मृत्युदंड का प्रावधान विधेयक में किया गया है। महाराष्ट्र में अब कोई विधानसभा सत्र नहीं होगा क्योंकि विधानसभा चुनाव जल्द ही होंगे। हम अपने चुनाव अभियान में इस बिंदु को उजागर करेंगे और चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र करेंगे।
`अनुभवहीन जयदीप आप्टे को दिया गया काम’
राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई। राज्य सरकार कह रही है कि तेज हवाओं के कारण यह प्रतिमा ढही है। हालांकि, राज्य में कई स्थानों पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाएं कई वर्षों से समुद्र तट पर खड़ी हैं। हवाओं की गति वहां भी ऐसी ही रहती है, लेकिन शिवराय की प्रतिमा के काम को निम्न गुणवत्तापूर्ण किया गया है। इसके साथ ही इस प्रतिमा का निर्माण करने से पहले अध्ययन नहीं किया गया। इतना ही नहीं यह काम अनुभवहीन व्यक्ति जयदीप आप्टे को दिया गया, जिसे इतने बड़े काम का अनुभव नहीं था। इसीलिए यह प्रतिमा ढही है। इस तरह का कारण राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने बताया है।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मालवण के राजकोट किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा निर्माण का कार्य जिस जयदीप आप्टे को दिया गया था, उसे इस क्षेत्र की सीमित जानकारी थी। उसने इतना बड़ा काम कभी नहीं किया था। इसके बावजूद उसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी गई।
शिवप्रेमियों की भावनाएं आहत हुईं
शरद पवार ने कहा कि इस घटना से राज्यभर के शिवप्रेमियों की भावनाएं आहत हुई हैं। महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढही। इसे तैयार करने का काम किसी को दिया गया, इसमें भ्रष्टाचार हुआ। इस वजह से दुर्घटना हुई और लोगों ने सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। इसका राजनीतिकरण करने का कोई कारण नहीं है। शरद पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में लोगों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अधिकार है।