• मछुआरों को मछली मारने के लिए देना पड़ता है रंगदारी टैक्स
• न देने पर जलाई जा रही है मछुआरों की नाव
सामना संवाददता / पटना
बिहार में मछली टैक्स को लेकर मनमानी देखने को मिल रही है। यहां के कटिहार जिले में मछुआरों को मछली मारने के लिए रंगदारी टैक्स देना पड़ता है। मनिहारी गंगा नदी में मछली मारने के लिए मछुआरों से मनमानी रंगदारी वसूली जा रही है, जिसे स्थानीय लोग ‘मछली टैक्स’ भी कहते हैं। वहीं दिलारपुर गंगा नदी के केवाला ढाला से जुड़े मछुआरे द्वारा जब इस अवैध टैक्स का विरोध किया गया तो रंगदारों ने उनकी नाव को जला दिया। ऐसे में यह सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर बिहार में इ का होत बानी…! फिलहाल, इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी आरोपियों को गिरफ्तार करने की पुलिस छापेमारी कर रही है।
दरअसल, गंगा की उफनती लहरों के बीच रंगदारों का तांडव अक्सर देखने को मिलता है। गंगा में मछली मारने के लिए मछुआरों को रंगदारी टैक्स देना पड़ता, जिसने भी यह अवैध टैक्स देने का विरोध किया तो रंगदार उसको भारी नुकसान पहुंचा देते हैं।
बता दें कि मनिहारी थाना क्षेत्र के दिलारपुर गंगा नदी केवाला ढाला से जुड़े इस मामले में पीड़ित मछुआरा सुमित कुमार और ग्रामीण पिंटू चौधरी ने बताया कि मछुआरों के लिए रंगदारी टैक्स तो अब नियति बन गया है। रंगदारी टैक्स वसूलने के लिए यहां कई गिरोह सक्रिय हो चुके हैं। मगर इन लोगों के बीच विजय यादव, अमित, प्रदीप का आतंक इस इलाके में है। पहले तो ये लोग सिर्फ मछली मारने के बाद मछली लेकर चले जाते थे। मगर अब रंगदारी में नकद की भी डिमांड करते हैं, जिसे नहीं देने पर उन लोगों की नाव और जाल को जला दिया गया है। इन लोगों की दहशत इतनी है कि कोई भी इन गंगा के रंगदारों के खिलाफ कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं। बता दें कि मछुआरों से मछली टैक्स लेना सही नहीं है।