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हिंदुओं की रक्षा करे सेना! … बांग्लादेश के हालात पर शंकराचार्य ने जताई चिंता

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर हिंदुओं के प्रति चिंता जताई है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बांग्लादेश के हालात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, `हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल हुई है। इस समय देश सेना के संरक्षण में है। निश्चित रूप से वहां की जो सेना है वो प्रजा रक्षण के अपने दायित्व को निभाएगी, ऐसी हम आशा करते हैं, बांग्लादेश में १० फीसद हमारे हिंदू बंधु रहते हैं उनकी सुरक्षा भी जरूरी है। इसलिए वहां की सेना से और इस समय वहां जिनकी सत्ता है उनसे अनुरोध करना चाहते हैं कि हमारी हिंदू जनता को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, `वो वहां रह रहे हिंदू भी आपके देश का नागरिक हैं और हर नागरिक के लिए एक तरह की व्यवस्था, सुविधा और व्यापार स्वाभाविक है। इसी अपेक्षा के साथ हम आपसे ये कह रहे हैं। वहां के जो हिंदू हैं उनसे हम कहना चाहेंगे। परिस्थितियों के अनुसार धैर्य बनाए रखते हुए अपनी सुरक्षा करें, साथ ही अपने देश की उन्नति के लिए अपना योगदान दें।’

जारी हिंसा के बीच जलाई गईं भगवान की मूर्तियां
बांग्लादेश के खुलना डिविजन में स्थित मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर में तोड़-फोड़ की गई और आग लगा दी गई। इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, `मुझे मिली जानकारी के अनुसार, मेहरपुर में हमारे एक इस्कॉन केंद्र को जला दिया गया, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी की मूर्तियां भी शामिल थीं।’

२०२३ में ही पता चल गया था
`हसीना’ पर आएगा संकट!
प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे चुकी हैं और सुरक्षा के लिहाज से मुल्क से भी निकल चुकी हैं। अब कहा जा रहा है कि हसीना के इस हाल की भविष्यवाणी भारत के एक ज्योतिषी ने एक साल पहले ही कर दी थी। ज्योतिषी प्रशांत किनी ने अपनी ही भविष्यवाणी पर बात की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की एक पुरानी पोस्ट शेयर की और कहा, `मैंने पहले ही पूर्वानुमान लगा लिया था कि शेख हसीना अगस्त २०२४ में मुश्किल में होंगी। क्या वह अपना देश छोड़कर भाग रही हैं।’ किनी ने अनुमान लगाया है कि अगली बांग्लादेशी सरकार भारत-विरोधी होगी।

`अब बेगम को बनाऊंगा पीएम’
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सरकारी आवास गबाभान में लूटपाट के बीच एक व्यक्ति ने पूर्व प्रधानमंत्री की साड़ियों से भरा एक बैग चुरा लिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक शख्स अपने सिर पर एक सूटकेस लिए हुए दिखाई दे रहा है। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसमें शेख हसीना की साड़ी है। उस शख्स ने अपनी बात दोहराते हुए दावा किया कि वह साड़ियों को अपनी बेगम को देगा और उसे प्रधानमंत्री बनाएगा।

`रजाकार’ पर दिए एक बयान से जल उठा बांग्लादेश!
पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना भारत पहुंची हैं। सूत्रों की मानें तो फिलहाल वो कुछ दिन और भारत में रह सकती हैं। इन सभी के बीच क्या आप जानते हैं कि आखिर बांग्लादेश में यह आंदोलन क्यों भड़का? पूर्व पीएम शेख हसीना का वो कौन-सा बयान था, जिसके कारण बांग्लादेश जल उठा। दरअसल, बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। वहां आरक्षण व्यवस्था के तहत ३० प्रतिशत आरक्षण उन लोगों के परिजनों और नाते-रिश्तेदारों को मिल रहा है, जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी के लिए और रजाकारों एवं पाकिस्तान की सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान शेख हसीना ने अपने एक बयान में जारी हिंसक प्रदर्शनों पर नाराजगी जताते हुए कहा था, ‘बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लोगों के परिजनों को आरक्षण नहीं मिलेगा तो क्या रजाकार के पोते-पोतियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा?’ उनके इस बयान से लोग इतना नाराज हो गए कि विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘मैं कौन, तुम कौन, रजाकार-रजाकार’ जैसे नारे लगने लगे।

जेल में घुसे दंगाई, भागे ५०० कैदी
बांग्लादेश के शेरपुर जिला जेल पर उपद्रवियों ने धावा बोल दिया और करीब ५०० कैदियों को जेल से भागने में मदद की। सोमवार को कर्फ्यू के बीच लाठी-डंडों और हथियारों से लैस स्थानीय भीड़ ने जुलूस निकाला। इस दौरान भीड़ ने शहर के दमदमा-कालीगंज इलाके में स्थित डिस्ट्रिक्ट जेल पर धावा बोल दिया। उपद्रवियों ने जेल का गेट तोड़ दिया और आग लगा दी।

बकरी, बतख सब ले गए
प्रदर्शनकारियों ने पशु-पक्षियों तक को नहीं छोड़ा, जिसके हाथ जो आया, वो लेकर चंपत हो गया। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास से लोग बकरी, बतख, मछली, सूटकेस और टीवी उठा ले गए।

उपद्रवियों ने फूंका खिलाड़ी का घर
बांग्लादेश में हिंसा का माहौल है। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्ताजा के घर में प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़-फोड़ की गई और फिर घर को जला दिया गया। मशरफे शेख हसीना के बेहद करीबी माने जाते हैं।

शिकार बनीं शेख हसीना
मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश की घटना को लेकर २५ साल पुरानी घटना याद दिलाई और कहा, `जिन इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने मुझे मेरे ही देश से साल १९९९ में बाहर फेंका था, जब अपनी मां को मृत्युशैया पर देखने गई थी और दोबारा मुझे देश में नहीं आने दिया गया। वो इस्लामवादी ही छात्र आंदोलन में हैं, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया।’

इस्लाम ने करवाया हसीना का तख्तापलट!
बांग्लादेश में हजारों प्रदर्शनकारी सोमवार को राजधानी ढाका में शेख हसीना के सरकारी आवास में घुस गए, उनके पिता मुजीबुर्रहमान की प्रतिमा को हथौड़ों से तोड़ दिया और उनकी पार्टी के कार्यालयों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के रूप में शेख हसीना के जाने का जश्न मना रहे थे। शेख हसीना ने उनकी सरकार के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गर्इं। बांग्लादेश में शुरू हुआ छात्रों का आरक्षण विरोधी आंदोलन हिंसक हो गया। जिसके सामने आखिरकार हसीना सरकार को झुकना पड़ा, उसमें एक प्रमुख नाम नाहिद इस्लाम का उभरकर सामने आया। आरक्षण की आग में जलते बांग्लादेश में नाहिद इस्लाम वो चेहरा बने, जिन्होंने पूरे आंदोलन का नेतृत्व किया और शेख हसीना की सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंका।

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