उत्सव स्थलों पर एंबुलेंस और मेडिकल टीमें भी रहेंगी तैनात
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे में दही हांडी उत्सव का रोमांच देखने के लिए दूर-दूर से नागरिक आते हैं। उत्सव के दौरान कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए पुलिस आयुक्तालय की तरफ से सुरक्षा का चाक-चौबंद बंदोबस्त गया किया है, वहीं मटकी फोड़ते समय कई गोविंदा घायल हो जाते हैं। ऐसे में उनके इलाज के लिए ठाणे सिविल अस्पताल में जिला सिविल सर्जन डॉ. वैâलाश पवार के मार्गदर्शन में ३० बिस्तरों वाला एक विशेष कक्ष तैयार किया गया है। साथ ही महत्वपूर्ण दही हांडी वाले स्थानों पर एक-एक एंबुलेंस और मेडिकल टीम तैनात की गई है।
किसी गोविंदा के घायल होने की स्थिति में उसको तुरंत मदद मिले, इसके लिए उपाय योजना का निर्देश जिला सिविल अस्पताल को सरकार ने दिया है। अस्पताल के एडिशनल सिविल सर्जन धीरज महांगडे ने बताया कि अस्पताल के जिला सर्जन डॉ. वैâलाश पवार ने बताया कि एक विशेष कक्ष स्थापित किया गया है, जिसमें ३० बेड हैं और यह सभी अत्याधुनिक और अप-टू-डेट बनाया गया है। इस कक्ष को मेडिकल टीम, दवा एवं अन्य सामग्री से लैस रखा गया है।
१,३०० से अधिक दही हंडी का आयोजन
विश्व स्तर तक दही हांडी को पहुंचाने वाले ठाणे में इसका जमकर उत्साह नजर आनेवाला है, क्योंकि सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी और मंगलवार को दही हांडी उत्सव है। इस साल ठाणे पुलिस आयुक्तालय के क्षेत्र में १५४ स्थानों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया जा रहा है, जबकि १ हजार ३०० से अधिक दही हांडी फोड़ी जानेवाली हैं। ठाणे शहर में ५०० से अधिक दही हांडी हैं। इसमें सार्वजनिक और निजी दही हांडी के साथ-साथ अन्य दही हांडी भी शामिल है इसलिए दही हांडी उत्सव के शांतिपूर्ण और निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए ठाणे पुलिस द्वारा पूरे शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और ४,५०० पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए है।
‘पिछले कुछ वर्षों में ठाणे दही हांडी उत्सव का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां पर मटकी फोड़ने के लिए मुंबई और उपनगरों से हजारों गोविंदा बसों और अपने वाहनों से आते हैं। कई बार थर लगते समय और मटकी फोड़ते समय गोविंदा ऊंचाई से गिर जाते है और उन्हें चोटें आ जाती है इसलिए ३० बेड़ों का अत्याधुनिक कक्ष तैयार किया है। इसके आलावा हांडी के आयोजन स्थलों पर छह एंबुलेंस और एक मेडिकल टीम तैनात की गई हैं।’
-डॉ. धीरज महांगडे (अतिरिक्त जिला सर्जन, जिलासिविल अस्पताल)