गये साल की ठंडी यादें नए साल की गरमी आई
आओ स्वागत करें खुशी से देकर इक मीठी सी विदाई
नयी पौध और नूतन आशाएं लाया है यह वर्ष
गत को कर दें आज विगत बस और मनाएं अब हम हर्ष
नया महीना है और देखो प्यारी-प्यारी है गरमाई
आओ स्वागत करें खुशी से देकर इक मीठी सी विदाई
नव उमंग आई जीवन में हरियाली खुशियों की है
ये तरंग लेती अंगड़ाई हम सब की सुधियों की है
मौसम लगे सुहाना तरुणाई लेती देखो अंगड़ाई
आओ स्वागत करें खुशी से देकर इक मीठी सी विदाई
बीत गया है एक बरस अब और उम्र के इस खाते से
यादों के अंबार में एक सिक्का और जुड़ा खजाने से
बचपन से यौवन की देखो सारी यादें हैं मुस्काई
आओ स्वागत करें खुशी से देकर इक मीठी सी विदाई
आओ हम करें प्रण ये वर्ष होगा दुखियों का त्राण लिए
जीवन अब बीतेगा अपना मानवता का बस कल्याण लिए
भारत का सूरज चमके विश्व पटल पर तम की हो विदाई
आओ स्वागत करें खुशी से देकर इक मीठी सी विदाई।
-डॉ. कनक लता तिवारी