गृहिणियों के फूलने लगे हैं हाथ-पांव
सामना संवाददाता / मुंबई
नासिक जिले में सूखे की स्थिति के कारण सब्जी उत्पादन में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे मुंबई सहित अन्य जगहों पर सब्जियों आदि की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस बीच बारिश न होने के कारण नासिक कृषि उपज बाजार समिति में सब्जियों की आवक ४० से ५० फीसदी तक कम हो गई है। इससे उनकी कीमतें भी भारी उछाल देखा जा रहा है। नतीजतन, गृहिणियों को सब्जियां खरीदने में हाथ-पांव फूलने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष नासिक में सूखे के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। जिले के अधिकांश हिस्सों में लाखों लोगों को पीने के पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ा। खेती के लिए ज्यादा पानी उपलब्ध नहीं था। जिनके पास यह सुविधा थी, उनके लिए भी भीषण गर्मी में सब्जियां उगाना एक कठिन काम साबित हुआ। इससे मानसून की शुरुआत में सब्जी उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट आई है। नासिक कृषि उपज बाजार समिति राज्य में सब्जियों का मुख्य थोक बाजार है। यहां से रोजाना १५० से २०० गाड़ियां मुंबई में सब्जियां सप्लाई करती हैं। सार्इंधन वेजिटेबल कंपनी के निदेशक मोहन हिरे का कहना है कि ज्यादा आमद नहीं होने के कारण मुंबई भेजी जानेवाली सब्जियों की आपूर्ति में कमी आई है। थोक बाजार में कीमत बहुत अधिक होने से खुदरा बाजार में आने पर यह और अधिक महंगी हो जाती हैं। मौजूदा समय में सभी फल और सब्जियां कम से कम ५० से १०० रुपए के बीच हैं। सब्जियां महंगी होने के कारण इन्हें कम मात्रा में खरीदा जाता है।
९० रुपए में बिक रही धनिया
बाजार समिति में १,२३३ क्विंटल पत्तेदार सब्जियों की आवक हुई। हाइब्रिड धनिया की कीमत ९० रुपए जोड़ी, जबकि देशी धनिया की कीमत ८० रुपए जोड़ी है। इस दिन बाजार समिति में ३,१२० मेथी जोड़ी की आवक हुई। इसकी औसत कीमत ४० रुपए प्रति जोड़ी, सोया को ४२ रुपए प्रति जोड़ी और पत्तेदार प्याज ६५ रुपए जोड़ी है।