महाविकास आघाड़ी सरकार ने जोरशोर से की थी शुरू
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार ने नरीमन पॉइंट से कफ परेड के बीच लगभग १. ७ किमी लंबे समुद्री पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास कर टेंडर भी जारी किया था। लेकिन सरकार बदलने के साथ ही नई घाती सरकार ने आघाड़ी सरकार की सभी परियोजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब जब लोकसभा चुनाव में घातियों को जनता ने सबक सिखाया है, तब उन्हें राजनीति के बजाय काम की याद आई है। विधानसभा चुनाव में भी उनका बुरा हस्र न हो इसलिए वे अब ठंडे बस्ते में पड़ी परियोजनाओं को फिर से निकाल कर आगे बढ़ाने की तैयारी में हैं। उसी के तहत शिंदे सरकार ने अब लगभग पूरी तरह से नियोजित नरीमन पॉइंट कफ परेड के बीच समुद्री पुल को बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा कर मंजूरी देने का विचार किया है। मात्र मामूली बदलाव के साथ इसे मंजूरी की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष के साथ हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई है।
माना जा रहा है कि इस नए सी-लिंक से कुलाबा में होनेवाले ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और नरीमन पॉइंट से दक्षिण की ओर जाने का रास्ता खुल जाएगा। जानकारों की मानें तो कोली बंधुओं को इस पुल से कोई समस्या नहीं हो, इसके लिए उनके साथ बैठक कर प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।
क्या है परियोजना
बधवार पार्क के पास समुद्र में नरीमन पॉइंट के एनसीपीए से कफ परेड कोलाबा फायर स्टेशन के बीच एक सी-लिंक का निर्माण होगा। इस सी-लिंक के किनारे मत्स्यालय विकसित करने की योजना है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और मुंबईकरों के लिए मनोरंजन का एक नया अवसर मिलेगा। सी-लिंक या पुल ४ लेन का होगा। २ लेन नरीमन पॉइंट और २ लेन कोलाबा जाने वाले वाहनों के लिए होगी। जनवरी २०२३ में इस पुल के लिए टेंडर एलएंडटी ने जीता था। ३१५ करोड़ खर्च करके ढाई वर्ष में काम पूरा करने की योजना थी। इसे मुंबई के तीसरे सी-लिंक परियोजना के तौर पर देखा जा रहा है। मुंबई में सबसे पहले बांद्रा से वर्ली तक ५.६ किमी लंबा सी-लिंक २०१० में चालू किया गया था। इसके बाद बांद्रा और वर्सोवा के बीच १७.७ किमी लंबा सी- लिंक बन रहा है। इस पुल का काम २०१९ में शुरू किया गया था। यह तीसरी सी-लिंक परियोजना होगी।