– शनि की दृष्टि भी पड़ेगी भारी
-सहयोगी दल दे सकते हैं परेशानी
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अबकी बार, बैसाखी वाली एनडीए की सरकार में पीएम नरेंद्र मोदी समेत ७२ सांसदों ने केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली। देश के पीएम मोदी भले ही इसे एनडीए की मजबूत सरकार बता रहे हों, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों और दिग्गजों की मानें तो यह सरकार आपसी कलह के चलते जल्द ही गिर जाएगी। अब तो ज्योतिषियों ने भी इस पर अपनी भविष्यवाणी देनी शुरू कर दी है। ज्योतिषी की मानें तो मोदी का यह कार्यकाल संघर्षों से भरा रहेगा। बताया जा रहा है कि मोदी का वर्तमान कार्यकाल काफी संघर्ष भरा रहेगा, क्योंकि इस समय उनकी कुंडली का लग्नेश मंगल छठे भाव में है। लग्नेश का छठे, आठवें तथा १२वें भाव में चले जाना कुंडली को काफी हद तक कमजोर कर देता है। लग्न का स्वामी शत्रु भाव में स्वराशि का है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त तो होगी, लेकिन यह अत्यधिक संघर्ष पैदा करने वाली स्थिति रहेगी और लग्नेश मंगल पर शनि की दृष्टि भी है, जिस कारण सफलता मिलने में बहुत देरी होगी। ऐसे में यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि कुंडली का मंगल इस सरकार के लिए `अमंगल’ साबित हो सकता है।
बता दें कि इस कुंडली में लग्नेश मंगल का छठे भाव में चले जाना सबसे कमजोर बिंदु है, जो कि विरोधियों का मोदी पर हावी होना दर्शा रहा है। विरोधी पक्ष कड़ी आलोचना से परेशान करते हुए ऐसे मुद्दे उखाड़ेगा जिससे नरेंद्र मोदी की बड़ी कमियां जनता के सामने आएंगी और मोदी की लोकप्रियता को काफी हद तक काम होगी इस स्थिति से निकलने के लिए पीएम मोदी को बहुत अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही इस कुंडली में शनि की स्थिति चंद्रमा से अष्टम में है जिसे ढैय्या कहा जाता है, यह स्थिति मोदी जी का मानसिक बल काफी लंबे समय तक तोड़ती रहेगी। इस कुंडली के अनुसार, २०२६-२७ का समय पीएम मोदी के लिए काफी अधिक चुनौतियां वाला रहेगा।
अर्थव्यवस्था में दिखेगी भारी गिरावट
शुक्र इस कुंडली में अस्त है इसलिए बड़ी और चमक-धमक वाली कमिटमेंट्स पूरी करने में असफलता मिलेगी और बुध अस्त होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिलेगी, जो जल्दी काबू में नहीं आएगी।