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उद्योगपतियों के हाथों मुंबई को मत बेचो!…संजय राऊत की धारावी परियोजना पर कड़ी प्रतिक्रिया

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई के लिए धारावी महत्वपूर्ण मैदान बन गया है। धारावी में सभी जाति-धर्म के लोगों को पांच सौ स्वॉक्यर फीट का आवास मिलना चाहिए। धारावी के पुनर्विकास परियोजना पर विरोध का कोई औचित्य ही नहीं है। यह आवास मिले, इसीलिए ही शिवसेना ने मोर्चा निकाला था। इन सबके बीच हमारा यह रुख है कि परियोजना गलत हाथों में न जाए, महाराष्ट्र-मुंबई को लूटा न जाए और इसके जरिए उद्योगपतियों को मुंबई को न बेचा जाए। धारावी में रहनेवाले लोगों का पुनर्विकास होना ही चाहिए। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया। मीडिया से बातचीत में सांसद संजय राऊत ने कहा कि धारावी में सभी जाति-धर्म के लोग रहते हैं। धारावी में आठ लाख लोगों के रहने की समस्या है। धारावी में ये जमीन पांच सौ एकड़ से ज्यादा है। इसके बदले में संबंधित बिल्डर को काफी बड़ा चटई क्षेत्र मिलेगा। यह पूरी परियोजना लाभदायक है। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि धारावी पुनर्विकास के नाम पर संबंधित लाडले बिल्डर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अमित शाह और नरेंद्र मोदी की चौकड़ी मुंबई की खाली २० एकड़ भूखंड दे रही है। इस भूखंड में मदर डेयरी का भूखंड, मुलुंड डंपिग ग्राउंड टोल नाका, दहिसर टोल नाका, वडाला की खार भूमि आदि आरक्षित हैं। ये जमीन धारावी के नाम पर झोली में डालेंगे तो यह धारावी पुनर्वास परियोजना नहीं, बल्कि लूटपाट है। संजय राऊत ने कहा कि धारावी के लोगों को पहले वहीं घर बढ़ाकर दो, फिर लेन-देन के बारे में बात करिए।

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