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हार्डकोर शूटर हैं अतीक-अशरफ के हमलावर: तीनों शूटरों पर कई एफआईआर!

  • किसी पर १५ मुकदमे तो कोई जा चुका है जेल

सामना संवाददाता / प्रयागराज
प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अपराधियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की कल देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिन अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया, उनके खिलाफ पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। इनमें से एक हिस्ट्रीशीटर है तो दूसरा जेल की सजा काट चुका है। इसके अलावा एक फरार चल रहा था।
सियासी मकसद से कानून के साथ खिलवाड़ -प्रियंका गांधी
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि हमारे देश का कानून संविधान में लिखा गया है, यह कानून सर्वोपरि है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के कानून के तहत होनी चाहिए। किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा करता है या करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
अपराधियों के हौसले बुलंद -अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, ‘यूपी में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट खुद ले संज्ञान -मायावती
मायावती ने ट्वीट कर लिखा,‘उमेश पाल हत्याकांड की तरह ही अतीक अहमद और अशरफ की प्रयागराज में पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हत्या हुई। यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था और उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्न चिह्न खड़े करती है। देशभर में चर्चित इस अति-गंभीर और अति-चिंतनीय घटना का सुप्रीम कोर्ट अगर स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर होगा। वैसे भी उत्तर प्रदेश में ‘कानून द्वारा कानून के राज’ के बजाय, अब इसका एनकाउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित?
लोगों में संविधान में विश्वास कम -ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कल जो हत्या हुई हैं, उसकी जिम्मेदारी यूपी के मुख्यमंत्री की है। अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता जिंदा है, तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा। हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। मैं शुरू से कह रहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार कानून के मुताबिक, नहीं बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं। इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा।
प्रयागराज के होटल में रुके थे हत्यारे
अतीक के हत्यारों से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। हत्यारे यूपी के अलग-अलग जिलों से आए हुए थे, इसलिए उन्होंने प्रयागराज में रुकने के लिए होटल लिया था। उन्होंने ४८ घंटों से होटल में अपना ठिकाना बनाया हुआ था, जिस होटल में वो रुके थे, वहां पुलिस अब छानबीन कर रही है। इसमें पता चला है कि एक हत्यारा वारदात को अंजाम देने के दौरान हैंगिंग बैग लेकर आया था।
हत्या में तुर्की निर्मित पिस्टल का इस्तेमाल
इन अपराधियों ने अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल किया था। यह पिस्टल तुर्की में बनती है और गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर इसे यहां लाया जाता है। भारत में इस पिस्टल पर बैन लगा हुआ है। इसकी कीमत करीब ६ से ७ लाख रुपए है।
अतीक गैंग का सफाया करना चाहते थे आरोपी
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हम लोग अतीक और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे। प्रदेश में अपना नाम करना चाहते थे ताकि भविष्य में लाभ हो। हम लोग पुलिस के घेरे के अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करके भाग नहीं पाए, क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हमलोग पकड़े गए। हम दोनों को मारने की फिराक में थे मीडियापर्सन बनकर, लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पाया, जब हमें मौका मिला तो हमने घटना को अंजाम दे दिया।
सनी सिंह के खिलाफ १५ केस दर्ज
सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है। वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ करीब १५ केस दर्ज हैं। उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते १० साल से अपने घर नहीं आया है। सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है। सनी के तीन भाई थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा भाई पिंटू घर पर रहता है और चाय की दुकान चलाता है। भाई ने बताया कि ये ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं, वो बचपन में ही घर से भाग गया था।
अरुण के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था। वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है। अरुण छह साल से बाहर रह रहा था। उसके माता-पिता की मौत करीब १५ पहले हो चुकी थी। अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है। अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि कबाडे का काम करते हैं।
पहले भी जेल जा चुका है लवलेश
बांदा में लवलेश तिवारी शहर कोतवाली के क्योतरा इलाके का रहने वाला ह। उसके पिता ने कहा कि हमसे उसका कोई मतलब नहीं था। वह कभी-कभी ही घर आता-जाता था। लवलेश इससे पहले एक मामले में जेल भी जा चुका है। लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं। दूसरा मामला लड़की को थप्पड़ मारने का था, उसमें डेढ़ साल की जेल हुई थी। तीसरा मामला शराब से जुड़ा हुआ था, इसके अलावा एक और मामला है।

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