सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को घाटे से उबारने के लिए अब हाइब्रिड ईंधन पर नई बसों को दौड़ाने का निर्णय एसटी महामंडल ने लिया है। इसी के तहत अगले पांच वर्षों में कुल २५,००० बसें मंडल खरीदेगा, जिनमें हर वर्ष ५,००० बसें शामिल होंगी। इनमें से २०,००० बसें हाइब्रिड तकनीक पर आधारित होंगी। इसके साथ ही ये बसें अब पर्यावरण अनुकूल भी होंगी। वर्ष २०२५-२६ से एमएसआरटीसी की नई बसें हाइब्रिड ईंधन (सीएनजी/एलएनजी प्लस डीजल) पर चलेंगी, जिसमें डीजल का उपयोग केवल आपातकालीन स्थिति में किया जाएगा।
परिवहन मंत्री सरनाईक ने बताया कि वर्तमान में एसटी की अधिकांश बसें डीजल पर चलती हैं और इसका ३४ प्रतिशत खर्च केवल ईंधन पर होता है। हर दिन करीब १०.७ लाख लीटर डीजल की खपत होती है, जिससे सालाना लगभग ३४,००० करोड़ रुपए का खर्च होता है। उन्होंने कहा कि डीज़ल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति की अनिश्चितता को देखते हुए सीएनजी और एलएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधनों का उपयोग अनिवार्य हो गया है। ये ईंधन सस्ते, प्रदूषण मुक्त और किफायती हैं। इससे न केवल ईंधन लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण प्रदूषण में भी भारी कमी होगी।
एलएनजी ईंधन पर २० प्रतिशत की छूट
सरकार ने किंग्ज गैस प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुए करार के तहत एलएनजी ईंधन को डीजल की तुलना में २० प्रतिशत कम कीमत पर खरीदने की योजना बनाई है। इससे हर साल २३५ करोड़ रुपए की बचत होगी।