सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के नामी कॉलेजों में से एक विल्सन कॉलेज में खराब अटेंडेंस के कारण कुछ छात्रों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है। प्रबंधन के इस पैâसले से इन छात्रों का साल बिगड़ रहा था। हालांकि, इसका छात्र जमकर विरोध कर रहे थे। साथ ही जब इसकी भनक युवासेना को हुई तो वह मैदान में कूद पड़ी। साथ ही युवासेना पदाधिकारी छात्रों के साथ धरना पर बैठ गए। युवासेना के हस्तक्षेप के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इस बार चूक करनेवाले छात्रों को अनुमति देने का पैâसला किया लेकिन उन्हें अगले शैक्षणिक वर्ष से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया है, वहीं युवासेना के चलते छात्रों को न्याय मिल सका है, जिससे वे हर्षोल्लासित हैं।
बता दें कि परीक्षा सोमवार, २० मार्च से शुरू होनेवाली है। बताया जा रहा है कि करीब ढाई सौ छात्रों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया था। इसके चलते उन्हें एक सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित होना पड़ता। छात्रों का आरोप था कि प्रबंधन हमारी किसी भी दलील को सुनने के लिए तैयार नहीं था। इसलिए उन्हें युवासेना से संपर्क करना पड़ा। इसके बाद युवासेना प्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे के निर्देश पर युवासेना सचिव दुर्गाताई भोसले, सीनेट सदस्य सुप्रियाताई कारंडे, मुंबई समन्वयक किसन सावंत, आशीष हातणकर, सुनील सोनकर ने छात्रों के साथ मिलकर कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब दो घंटे तक धरना पर बैठने के बाद कॉलेज प्रबंधन बात करने के लिए तैयार हुआ। इस बैठक में छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई, जिस पर प्रबंधन सकारात्मक दिखा। इस बीच प्रतिनिधिमंडल ने इससे संबंधित एक ज्ञापन भी कॉलेज को सौंपा, वहीं युवासेना की मदद से न्याय मिलने के बाद छात्रों ने आभार प्रकट किया है। दरअसल, कॉलेज अब स्वायत्त है और अटेंडेस को ५० प्रतिशत से बढ़ाकर ७५ प्रतिशत कर दिया गया है। छात्रों का आरोप है कि विचार किए बिना ऐसी नीतियां बनाई गई है।
छात्रों के हित में निर्णय
कॉलेज का कहना है कि छात्रों को परीक्षा में न बैठने देने का निर्णय छात्रों के हित में था। महामारी और तालाबंदी के बाद छात्रों का यह पहला बैच है। इस बीच ऐसा महसूस गया कि कॉलेज आने में छात्र रुचि नहीं रख रहे हैं। छात्र कॉलेज आते तो हैं लेकिन लेक्चर में कम ही शामिल होते हैं। कॉलेज ने उन्हें एक मौका देने का पैâसला किया है। इसके तहत उन्हें इस बार परीक्षा में शामिल होने दिया जाएगा। हालांकि, कॉलेज प्रबंधन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह उनके लिए आखिरी मौका है। अगले शैक्षणिक वर्ष से कॉलेज छात्रों से विश्वविद्यालय में उपस्थिति को लेकर एक अंडरटेकिंग भी लेगा।