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सावधान! … धूम्रपान से दूर रहनेवालों को भी कैंसर का है खतरा! …अध्ययन में सामने आई चौंकानेवाली जानकारी

सामना संवाददाता / मुंबई
सिगरेट और बीड़ी न पीने वालों को भी फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। इससे यह बात सामने आई है कि सिर्फ धूम्रपान करनेवालों को ही नहीं, बल्कि धूम्रपान न करने वालों को भी कैंसर होने का खतरा है। इस तरह का चौंकानेवाला अध्ययन सामने आया है। अध्ययन के अनुसार, हिंदुस्थान में फेफड़ों के कैंसर के कई मरीज धूम्रपान के आदी नहीं हैं, फिर भी उन्हें कैंसर हो जाता है। हिंदुस्थान में कैंसर के कारणों में अनुवांशिकी तो है ही, इसके अलावा वायु प्रदूषण भी एक प्रमुख कारण है।
‘द लैंसेट क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, फेफड़ों के कैंसर के अधिकांश मरीज सिगरेट या बीड़ी नहीं पीते हैं। इसका मतलब यह है कि हिंदुस्थान में फेफड़ों के कैंसर की घटना धूम्रपान न करने वालों में भी अधिक है। अध्ययन में देश में फेफड़ों के कैंसर के रोगियों से संबंधित डेटा एकत्र किया गया। इससे देश में कैंसर रोगियों के बारे में अधिक जानकारी सामने आई है। इस अध्ययन के अनुसार, यह बात सामने आई है कि वायु प्रदूषण समेत कई अलग-अलग कारणों के कारण दुनियाभर में फेफड़ों के कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं।
इस बीच साल २०२२ में ८१ जलवायु संबंधी आपदाएं आईं। एशिया में प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित देशों में चीन, हिंदुस्थान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड शामिल हैं। इन देशों में साल २०२० में फेफड़ों के कैंसर के सबसे अधिक ९.६५ लाख से अधिक नए मामले सामने आए।

कई पर्यावरणीय  कारकों का भी योगदान
इस अध्ययन के अनुसार, दुनिया के ४० सबसे प्रदूषित शहरों में से ३७ शहर दक्षिण एशिया में हैं। इनमें से चार शहर अकेले हिंदुस्थान में हैं। इससे साबित होता है कि धूम्रपान न करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है। खराब हवा और कई पर्यावरणीय कारक कैंसर में योगदान करते हैं।

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