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संसद में गूंजा अतुल सुभाष का मुद्दा; एक साल में सवा लाख पुरुषों ने की खुदकुशी … सिस्टम की कमी के कारण पुरुष कर रहे हैं सुसाइड!

-भाजपा सांसद ने संसद में रखी बड़ी मांग
-पुरुषों के बचाव में बने कानून
संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन राज्‍यसभा में बंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत का मामला भी चर्चा में रहा। अतुल ने अपनी बीवी की प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी थी। बीजेपी सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने देश में इस तरह के बढ़ते मामलों पर चिंता व्‍यक्‍त की। साथ ही कहा कि घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों से जुड़े कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाना चाहिए। यह भी कहा कि झूठे आरोप लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा सांसद ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वर्ष २०२२ में भारत में आत्महत्या करने वालों में ७२ प्रतिशत यानी १,२५,००० पुरुष थे जबकि महिलाओं की संख्या लगभग ४७,००० थी। उन्होंने कहा कि वर्ष २०१४ से २०२१ के बीच पुरुष और महिलाओं कीr आत्महत्या के अनुपात में काफी वृद्धि हुई है और इस दौरान १०७.५ प्रतिशत अधिक पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं को आत्महत्या का कारण बताया। इसी के साथ ही उन्होंने संसद में बड़ी मांग करते हुए कहा कि पुरुषों के बचाव के लिए कानून बनना चाहिए। अगर सिस्टम की कमी के कारण एक भी व्यक्ति अपनी जान दे देता है तो यह हमारे लिए आत्ममंथन का समय है। बता दें कि एक महीने बाद अब उन सुसाइड मामलों की गूंज संसद में सुनाई दी। संसद के बजट सत्र के प्रथम चरण के तीसरे दिन सोमवार को ये मामला भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद ने राज्यसभा में उठाया। बीजेपी सांसद ने महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा और शोषण से जुड़े कानूनी प्रावधानों के दुरुपयोग पर चिंता जताई और झूठे आरोपों का सामना करने वाले पुरुषों के लिए पर्याप्त कानूनी और भावात्मक समर्थन की मांग उठाई है।

यह घटना इस बात पर रोशनी डालती है कि झूठे आरोपों का सामना करने वाले पुरुषों के लिए पर्याप्त कानूनी और भावात्मक समर्थन नहीं है। मैं अनुरोध करता हूं कि घरेलू हिंसा और उत्पीड़न से जुड़े कानून को जेंडर न्यूट्रल बनाया जाए, ताकि सभी के साथ न्याय हो सके। अगर सिस्टम की कमी के कारण एक भी व्यक्ति अपनी जान दे देता है तो यह हमारे लिए आत्ममंथन का समय है।
-डॉ. दिनेश शर्मा, भाजपा सांसद

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