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ऑटोरिक्शा वाले कर रहे हैं मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़! …पुलिस व प्रशासन वाले बने तमाशबीन

सगीर अंसारी / मुंबई
मुंबई में कुछ क्षेत्र के मासूम बच्चे शिक्षा पाने के लिए अपनी जिंदगी को रोजाना दांव पर लगाते हैं। गोवंडी एक ऐसा इलाका है, जहां स्कूल की सुविधा न होने के चलते बच्चों को स्कूल जाने के लिए ऐसे साधनों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे उनकी जान भी जा सकती है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि पुलिस और प्रशासन के लोग तमाशबीन बने रहते हैं। मानखुर्द के मंडाला क्षेत्र में मनपा का एक भी स्कूल नहीं होने के चलते यहां के बच्चों को गोंवडी के देवनार स्कूल जाना पड़ता है। विद्यार्थी स्कूल आने-जाने के लिए शेयरिंग ऑटोरिक्शा का सहारा लेते हैं। ऑटोरिक्शा चालक ज्यादा कमाई के चक्कर में एक रिक्शा में १२ से १५ बच्चों को ठूसते हैं। ये ऑटोरिक्शा चालक सभी कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर तेज रफ्तार से ऑटोरिक्शा चलाते हैं। ऑटोरिक्शा चालकों की इस हरकत को रोकने में असमर्थ मानखुर्द यातायात पुलिस व देवनार पुलिस थाने के अधिकारी व पुलिसकर्मी सिर्फ तमाशबीन बने हुए हैं। इन विद्यार्थियों के परिजनों का कहना है कि मनपा द्वारा स्कूल आने-जाने के लिए उचित प्रबंध न होने की वजह से मजबूरन बच्चों को शेयरिंग ऑटोरिक्शा का सहारा लेना पड़ता है।

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