मुख्यपृष्ठस्तंभअवधी व्यंग्य : मुंबई से आया मेरा दोस्त

अवधी व्यंग्य : मुंबई से आया मेरा दोस्त

एड. राजीव मिश्र, मुंबई

आज सुबहिये से बरमदेव का घर पर मेला लाग अहई, आखिर बरमदेव के लरिका मोहना मम्बई से कमाई के जो आवा है। जब से आवा है मोबईलै पे भिड़ा है। फटही पैâशनेबल जीन्स पर चटक चरखनिहा बुशट पहिने मोबाइल पर गिटिर-पिटिर करत मोहना जब गाँव मा घूमति है, पूरे गाँव के छाती पे साँप लोटि जाति है। जब से मोहना गाँव आवा है, गाँव के निठल्लन के ताना सुनि सुनि करेजा फाटि गवा है, मोहना के देखो जाय, मम्बई महियां साहब बनि गवा अउ तू घर मां बैठि बस खटिया तोरि रहो। मालिक का चैन नाही परत है मोहना बिना, पूरा बिजनिस उही के भरोसे लागि गवा है। ताना सुनि सुनि के गाँव के सारे लरिकन के दिमाग खराब हुई गवा। ई ससुरा दसवीं पास मम्बई मा जाई कवन सहबई करि रहा है? शाम होति नहर किनारे मोहना पकरि गवा, का रे मम्बई जाइके अमिता बच्चन होई गवा का? अरे का गोपालचऊथ करत हौ शिवधारी, पकरी के हुमुचि देव ससुरा कालै भागि जाई। अरे रुकि जाओ करिया, एहि का आज बिजीनिस का पोस्टमार्टम करीत है हम। का करत है रे मम्बई मा? जब से आवा है जियब दुसुआर कई दिहिस। एक त परदेस से आवा न कौनौ पाल्टी दिहिस न कुछ ऊपर से दद्दा अउर माई एकरी कारन घर मा बैठी मुहाल कई दिहिन। मोहना मम्बईया इस्टाईल मा बोलि परा, अपुन उदर सेक्युरिटी इंचार्ज है ज्यास्ती अपुन को टेंशन नई देने का नई तो अपुन भाई को बोल देंगा! अपुन उदर बर्फी जावेद का बॉडीगार्ड है। अपुन को हल्के में नई लेने का, समझा क्या? कवन भाई रे? सोहना बीड़ी फूकत फूकत तो टिबियायी गवा है, ओहका बोलिहौ का? ई लो जोखन, ई बकलोल बर्फी जावेद के बॉडीगार्ड हयें, मम्बई जाइके गाँव के नाक कटाई दिहिस पूरे गाँव के अउर इहाँ आइके मिथुन चक्रवाल होई गयें हैं। आओ जरा यहि बॉडीगार्ड के तनी बॉडी मसाज करी। एतना सुनतय शिवधारी अउर करिया मोहना के अइसन खातिरदारी किहिन कि होत भोरहेंरै मोहना मम्बई के गाड़ी पकड़ि लिहिस अउर आज तक गाँव मा नाही लौटिस।

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