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यूपी के सदन में चलेंगे बाबा के ‘बुलडोजर’ नियम! अध्यक्ष की ओर पीठ की तो भी मानी जाएगी अवमानना

सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लोग ‘बुलडोजर वाले बाबा’ भी कहते हैं। अब जल्द ही यूपी के सदन में भी बाबा के ‘बुलडोजर’ नियम चलेंगे। इस नियम के लागू होने के बाद विधानसभा में विधायकों को मोबाइल फोन लेकर आना मना है। यही नहीं, अगर किसी विधायक ने अध्यक्ष की ओर पीठ की तो वह अवमानना मानी जाएगी। इसके साथ ही सदन में कागज फाड़ने पर भी रोक लग जाएगी। विधायकों के तौर-तरीकों को लेकर बनाई गई इस नई नियमावली की राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा है।
जानकारों का मानना है कि इस नियमावली के लागू होने के बाद सदन का नजारा ही बदल जाएगा क्योंकि सदन में होने वाले विरोध-प्रदर्शन पर रोक लग जाएगी। नई नियमावली में सदन में विधायकों के आचरण के लिए कड़े मानक तय किए गए हैं। नए नियम के तहत विधायक अब सदन में बैनर, पोस्टर और प्लेकार्ड नहीं ले जा सकेंगे। वे अध्यक्ष के आसन के पास भी नहीं जा पाएंगे। अक्सर देखा गया है कि विपक्षी पार्टियों के विधायक इसी माध्यम से सदन में अपना विरोध जाहिर करते हैं। नए नियम के तहत विधायक मोबाइल व किसी भी तरह का कोई हथियार नहीं ले जा सकेंगे। इस नियमावली के लिए विधायकों से ८ अगस्त तक संशोधन प्रस्ताव मांगे गए थे। इसके बाद अब चर्चा में इन प्रस्तावों को रखा जाएगा। इसके अलावा सदस्यों को कार्यवाही से संबंधित कोई भी साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तक या प्रेस टिप्पणियां अंदर ले जाने या पर्चियां वितरित करने की अनुमति नहीं होगी। विधानसभा के प्रमुख सचिव की ओर से विधायकों को हर दिन के काम की सूची ऑनलाइन या ऑफलाइन उपलब्ध करानी होगी।

 ऑनलाइन कार्यवाही
नई नियमावली के तहत कार्यवाही को ऑनलाइन किया जाएगा व विधायक घर, दफ्तर या अपनी कार में बैठकर भी सदन की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे। विधायकों को सत्र की जानकारी भी ई-मेल या फोन से दी जा सकेगी। कार्यवाही में वर्चुअली शामिल होने का अधिकार विधायकों को देने वाली यूपी विधानसभा देश की पहली विधानसभा होगी। माना जा रहा है कि अगला सत्र नए नियमों के तहत संचालित किया जाएगा।

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