मुख्यपृष्ठस्तंभबब्बा बोलो ना... कहीं देर न हो जाए!

बब्बा बोलो ना… कहीं देर न हो जाए!

अरुण कुमार गुप्ता
लोकसभा चुनावों का आधा सफर पूरा हो चुका है। अब आने वाले १३ मई के दिन चौथे चरण की वोटिंग है। इसी बीच राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं। अब उत्तर प्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार शशांकमणि त्रिपाठी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दरअसल, शशांकमणि को भाजपा ने देवरिया लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। कल देवरिया से शशांकमणि त्रिपाठी अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे। इस दौरान वे दौड़ते हुए नजर आए उन्हें देर हो गई थी। नामांकन से पहले उन्होंने सभा को संबोधित किया, जिसमें उनका काफी समय उसमें चला गया। ऐसे में नामांकन दफ्तर में जाते समय उन्हें देर हो गई और नामांकन का समय खत्म होने लगा। हालांकि, त्रिपाठी दौड़कर ही सही लेकिन नामांकन दाखिल करने में सफल हो गए। यदि थोड़ी सी और देर होती तो उनका सांसद बनने का सपना पहले ही बिखर जाता है।
गड्ढों से परेशान
पूरे देश में सड़कों के गड्ढों से शायद ही कोई ऐसा हो, जो परेशान न हो। सड़कों के गड्ढे सिर्फ वाहनचालकों को ही नहीं, पैदल चलने वालों को भी परेशानी में डालते हैं। हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसी कड़ी में पीलीभीत-माधोटांडा मार्ग पर जगह-जगह पड़े गड्ढे से आए दिन हादसे हो रहे हैं और वाहनचालकों को काफी परेशानी हो रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने संबंधित विभाग व विधायक से भी शिकायत की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। परेशान होकर अब लोगों ने सुरक्षा को देखते हुए गड्ढों में केले का पौधा लगा दिया। पीलीभीत से माधोटांडा तक ३० किलोमीटर लंबा मार्ग है। इस सड़क की हालत काफी दयनीय है। सड़क को फिर से बनाने के लिए प्रस्ताव ही भेजा जाता है, इसके बाद मामला जहां का तहां ठहर जाता है। इतना जरूर होता है कि अधिकारियों के निर्देश पर पैचवर्क का काम शुरू करा दिया जाता, लेकिन इससे कोई राहत नहीं मिल पाती। करीब तीन माह पहले हुए पैचवर्क के बाद अब फिर यहां गड्ढे हो गए हैं। सड़क को ठीक करने के लिए लोगों ने अधिकारियों के साथ ही विधायक से भी मांग की। इसके बाद भी कुछ नहीं हो सका। यहां तक कि हादसों को रोकने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से गड्ढों के पास कोई संकेतक भी नहीं लगाए गए। ऐसे में दो पहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। ग्रामीण चारों तरफ से थक -हार कर अब यही कह रहे हैं कि देखते हैं कि प्रशासन कब जागता है?
रैली में खुली पुलिस की पोल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने शासन में कानून व्यवस्था और पुलिस की जमकर तारीफ करते हैं। उनकी पुलिस कितना प्रशंसनीय कार्य करती है, इसकी पोल उस समय खुल गई, जब एटा की चुनावी रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ लोगों को संबोधित करते हुए कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे। इसी बीच पुलिस से प्रताड़ित एक परिवार हाथ में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर न्याय की गुहार लगा रहा था। इस परिवार का कहना था कि हत्या के केस से नाम हटाने के लिए एसएचओ द्वारा २० लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। दरअसल, एटा में अलीगंज के डीएवी मैदान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनावी सभा करने पहुंचे थे। वह फर्रुखाबाद से भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत के समर्थन में वोट मांग रहे थे। सीएम मंच से सरकारी योजनाएं गिना रहे थे। प्रदेश की कानून व्यवस्था का जिक्र कर रहे थे। इसी बीच भीड़ में एक परिवार दिखा, जो पुलिस से प्रताड़ित था और न्याय की गुहार लगा रहा था। सीएम की चुनावी सभा में कासगंज जिले के सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला अजीत गांव का एक परिवार पहुंचा था। पीड़िता कोमल सोलंकी ने बताया कि सिढ़पुरा थाना क्षेत्र के नगला मिलू में १७ सितंबर २०२३ को गांव के एक लड़के अभिषेक (२०) की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। बताया कि उसके परिजन ने अज्ञात के खिलाफ थाना सिढ़पुरा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तत्कालीन थाना प्रभारी ने मामले की जांच के दौरान मेरे देवर राजू सोलंकी को १९ दिसंबर २०२३ को थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया और २१ दिसंबर को फर्जी ढंग से आरोपी बनाकर जेल भेज दिया।

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