अरुण कुमार गुप्ता
नेताओं का बयान से मुकरना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में बेरोजगारी पर दिए गए बयान से आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने भी वही चतुराई दिखाई है। निरहुआ ने पहले कथित तौर पर कहा कि बताइए मोदी जी या योगी जी का एक भी बच्चा है… उन्होंने तो बेरोजगारी को रोक दिया कि बेरोजगारी नहीं बढ़ाएंगे, तो बेरोजगारी बढ़ा कौन रहा है..़ वो जो बच्चे पर बच्चे पैदा किए जा रहे हैं। सरकार कह रही है रुक जाओ तो मान भी नहीं रहे हैं। निरहुआ की बयानबाजी के बाद उठे बवंडर को शांत करने के लिए अब सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो फर्जी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि फेक वीडियो प्रमोट करने का ट्रेंड हो गया है। कांग्रेस वालों कोई भी देखकर समझ जाएगा कि ओंठ कुछ और बोल रहा है। एआई से साउंड क्लोन करके क्या साबित करना चाहते हैं। इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।
मायावती के जाल में
उलझे कृपाशंकर
पूर्वांचल की जौनपुर लोकसभा सीट की हॉट सीटों में शुमार हो गई है। इस सीट से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवारी दी है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने बाबू सिंह कुशवाहा पर भरोसा दिखाया है। काफी देर से ही सही बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ठाकुर बहुल इस सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। यहां पिछले चुनाव में बसपा उम्मीदवार ने बाजी मारी थी। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि श्रीकला की राह मुश्किल नहीं है। श्रीकला को जेल में बंद उनके पति धनंजय सिंह के कारण भी सहानुभूति मिलने की बात कही जा रही है। उल्टे मुंबई से राजनीतिक जमीन तलाशने जौनपुर पहुंचे कृपाशंकर सिंह की राह काफी कठिन लग रही है। उनके सामने मुंबई के ही व्यवसायी अशोक कुमार सिंह ताल ठोक रहे हैं, जो कृपाशंकर सिंह का ही खेल खराब करेंगे। अंतत: यही कहा जा सकता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने बहुत सोच-समझकर दांव चला है। उनके इस दांव को देखकर सफल होने की बात कही जा रही है।
मुश्किल में पारसनाथ राय!
पूर्वी उत्तर प्रदेश का गाजीपुर जिला पिछले कुछ वर्षों में अंसारी ब्रदर्स के कारण चर्चा में रहा है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि गाजीपुर वीरों की धरती रही है, क्रांतिकारियों का जिला रहा है। गाजीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने बहुत पहले अफजाल अंसारी को उम्मीदवार घोषित कर दिया था लेकिन काफी समय लेते हुए भाजपा ने पारसनाथ राय को मैदान में उतारा है उधर भाजपा की देरी को देखते हुए सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी सीट के लिए कसरत कर रहे थे इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर डॉ़ उमेश सिंह को उतार कर मुकाबला काफी रोचक बना दिया है। उन्होंने उम्मीदवारी घोषित होते ही गाजीपुर में असली माफिया नकली माफिया का मुद्दा छेड़ दिया, जो इस समय पूरे जिले में चर्चा का विषय बना बसपा प्रत्याशी मूलत: सैदपुर के मुड़ियार गांव के निवासी हैं। जब देश में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का आगाज हुआ तो अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण, वीके सिंह, आनंद कुमार, योगेंद्र यादव, किरण बेदी के साथ डॉ. उमेश सिंह भी इस आंदोलन की कोर टीम में शामिल रहे थे। उत्तर प्रदेश में भाजपा ८० में से ८० सीट जीतने का सपना पाले हुए है लेकिन गाजीपुर में भाजपा प्रत्याशी पारस राय के सामने एक तरफ सपा से अफजाल अंसारी और बसपा से डॉक्टर उमेश सिंह रास्ता रोके खड़े हैं ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला बताया जा रहा है।