अरुण गुप्ता
मोदी के मोहल्ले में अंधेरा!
२०१४ के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से चुनावी मैदान में उतरते समय नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को क्युटो बनाने का वादा किया था, लेकिन दो चुनाव जीतने के बाद भी आज वाराणसी के ५५२ परिवार अंधेरे में जिंदगी गुजार रहे हैं। क्युटो शहर की बात तो दूर, इन परिवारों तक अभी बिजली नहीं पहुंची है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुताबिक, ये ऐसे परिवार हैं जो सड़क, हाईवे या रेलवे लाइन बनने के बाद गांव या मोहल्ले की मुख्य बस्तियों से अलग हो गए थे। वाराणसी के सेवापुरी, राजातालाब, आराजीलाइन और चोलापुर ब्लॉकों में ऐसे घर चिह्नित किए गए हैं। वहीं गांव-मोहल्लों से अलग होकर अस्तित्व में आए पूर्वांचल डिस्कॉम के २१ जिलों के ८,११४ मुहल्ले भी अब तक बिजलीविहीन हैं। इनमें ९२,८५२ परिवार रहते हैं। ऐसे में क्षेत्र की जनता मोदी के वादे से ठगी महसूस कर रही है। अब बिजलीविहीन इन मोहल्लों के लोगों ने लोकसभा चुनाव में बदला लेने की ठानी है। इन लोगों ने पूछना शुरू किया है विकास का दंभ भरने वाले मोदी और योगी ने हम लोगों को अंधेरे में क्यों छोड़ रखा है।
फिर सपा के स्वामी!
विवादित बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की सांस उचित राजनीतिक मंच न मिलने के कारण फूल रही है। समाजवादी पार्टी में वापस जाने के लिए चक्कर लगाने से तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में तीन प्रमुख दल भाजपा, सपा और बसपा के अंगने में अवसर देख कूदफान करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अब फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल होने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले महीने ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के एमएलसी पद और सदस्यता से इस्तीफा देकर अपनी खुद की पार्टी बना ली थी। हालांकि, माहौल न बनता देख अब वो वापस समाजवादी पार्टी की तरफ मोहब्बत का पैगाम भेज रहे हैं। स्वामी ने कुछ दिन पहले अखिलेश यादव से मुलाकात भी की और पार्टी में वापसी की गुहार लगाई। कल स्वामी प्रसाद को लेकर जब अखिलेश यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद कब सपा छोड़कर गए थे, मुझे नहीं मालूम। ऐसा प्रतीत होता है स्वामी की वापसी के लिए सपा का दरवाजा खुल सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि देवी-देवताओं पर टिप्पणी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव अपनाते हैं या दूरी बनाते हैं।
कहां है बाबा की पुलिस?
अब तक तो देखने में यह आता था कि दहेज लोभी ससुराल वालों ने बहू को जिंदा जला दिया, लेकिन प्रयागराज में इसके विपरीत एक ऐसी घटना घटी, जिसकी चर्चा पूरे पूर्वांचल में हो रही है और लोग बाबा की पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं। प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाना क्षेत्र में महिला के कथित तौर पर फांसी लगाई जाने से नाराज मायके वालों ने ससुराल वालों के घर में आग में लगा दी। इस घटना में महिला अंशिका केसरवानी (२७) की सास शोभा देवी (६२) ससुर राजेंद्र केसरवानी (६५) की जलकर मौत हो गई। ऐसे में आम लोग यही पूछ रहे हैं कि योगी बाबा की पुलिस कहां है? उत्तर प्रदेश पुलिस के खौफ से अपराधियों के भूमिगत होने की बात कही जा रही थी, लेकिन आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं को लेकर योगी बाबा की पुलिस पर सवालिया निशान लग रहे हैं।