सामना संवाददाता / राघोपुर
पिछले चार दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही कमी से राघोपुर के बाढ़ पीड़ितों ने थोड़ी राहत की सांस ली है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। राघोपुर प्रखंड के लोग अपने इलाके को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं, ताकि किसानों और गरीबों को मुआवजा मिल सके, लेकिन अब तक इस पर किसी नेता ने ध्यान नहीं दिया है, न ही सांसद दिखाई दे रहे हैं और न ही विधायक मिल रहे हैं।
पिछले १० दिनों से राघोपुर प्रखंड के सभी गांव में बाढ़ का पानी लबालब भरा हुआ है। बीते तीन दिनों से पानी कुछ घटा है। बाढ़ पीड़ित पिछले दिनों से यह आस लगाए हुए हैं कि आपदा की घड़ी में सांसद और विधायक दुख बांटने और कुछ वितरण करने जरूर आएंगे, लेकिन केंद्रीय मंत्री व हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान राघोपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने तक नहीं आए, जिसके कारण लोगों में काफी नाराजगी है। राघोपुर प्रखंड के २० पंचायत के करीब ७२ गांव पिछले ८ दिनों से बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। राघोपुर प्रखंड के लोग पिछले ८ दिनों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। निचले इलाके वाले घरों में एवं घर के आस-पास बाढ़ का पानी भरा हुआ है। बीते दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा ब्रिज थाना के निकट राहत शिविर का निरीक्षण किए थे। बाढ़ पीड़ितों को आस जगी थी कि कम से कम निरीक्षण के बाद राघोपुर प्रखंड को बाढ़ घोषित क्षेत्र किया जाएगा। अब तक बाढ़ घोषित नहीं किए जाने पर राघोपुर के लोगों में काफी नाराजगी है।