कर्मचारियों पर बढ़ा काम का दबाव
नागमणि पांडेय / मुंबई
‘बेस्ट’ को मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन कहा जाता है, लेकिन बेस्ट इस समय न केवल घाटे से जूझ रही है बल्कि कमर्चारियों की कमी से भी जूझ रही है। बेस्ट के कर्मचारी लगातार सेवानिवृत भी हो रहे हैं, इसी कड़ी में एक जून को बेस्ट के चार हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिससे बेस्ट पर फिर से कर्मचारियों की कमी का दबाव बढ़ेगा और इसका खामियाजा आम मुंबईकरों को भुगतना पड़ेगा। बता दें कि बेस्ट की बसें एमएमआर के नई मुंबई, ठाणे, मीरा रोड तक चलती हैं। बेस्ट की ३,०९१ बसों में प्रतिदिन ३५ लाख यात्री यात्रा करते हैं, लेकिन लगातार कर्मचारियों के सेवानिवृत होने के कारण बाकी के कर्मचारियों पर काम का लोड बढ़ रहा है, जिससे बेस्ट यात्रियों के लिए समय पर सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।
यात्रियों को भुगतान पड़ता है खामियाजा
बेस्ट कर्मचारी यूनियन के शशांक राव ने बताया कि बेस्ट मे कर्मचारियों की कमी होने के कारण यात्रियों को सेवा नहीं मिल पा रही है। नियम के अनुसार, बेस्ट को ३,०३७ बसें खरीदनी चाहिए लेकिन मात्र १,१०० खुद की और १,६०० से अधिक हायर की गई बसों से काम चल रहा है, लेकिन मौजूदा समय में मुंबई में इससे अधिक बसों की जरूरत है। बसों की कमी के कारण यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतान पड़ रहा है।
२०१५ से प्रमोशन है बंद
शशांक राव ने आगे बताया कि बेस्ट में कर्मचारियों की भर्ती बंद होने के साथ ही साल २०१५ से कर्मचारियों के प्रमोशन भी बंद हैं जबकि नियमानुसार प्रमोशन कर्मचारियों का अधिकार है। कर्मचारियों के साथ अन्याय करते हुए प्रमोशन बंद किया गया है। संविदा कर्मचारियों से मनमानी तरीके से काम कराया जा रहा है, जिससे यात्रियों को भी बेस्ट की सेवा मिलने र्में समस्याएं आ रही हैं।