– लाखों लोग प्रतिदिन लोकल से करते हैं सफर
अनिल मिश्रा / बदलापुर
बदलापुर नौकरी पेशा वालों का शहर है। बदलापुर से वाशी तक बहुत ही कम बस की सुविधा है। मुरबाड़ से एक-एक घंटे में बस आती और जाती है। इसके बावजूद रिक्शा, टैक्सी, बाइक से बड़ी संख्या में हजारों लोग मुंबई से कसारा की तरफ निजी साधनों से आते और जाते हैं। सबसे बड़ी समस्या उपनगरीय रेलवे से जानेवाले रेल यात्रियों को होती है। बदलापुर (पूर्व) की अपेक्षा पश्चिम की स्थिति दयनीय है। भविष्य की भीड़ को ध्यान में रखकर बदलापुर के नेताओं के साथ ही नपा प्रशासन ने चौड़ी सड़क, पार्किंग जैसी सुविधाओं को नजरअंदाज किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि बदलापुर पश्चिम से लोगों का आना-जाना कठिन हो गया है।
बदलापुर शहर इस समय काफी विस्तार कर रहा है, जिसके कारण पानी, बिजली, रास्तों सहित सब कुछ कम पड़ रहा है। स्टेशन परिसर में संकरी सड़क के साथ ही पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण वैशाली सिनेमा घर आज पार्किंग स्थल बन गया है। लाखों लोग प्रतिदिन मुंबई आते-जाते हैं। काफी लोग रिक्शा, बाइक, टैक्सी और बस के सहारे रहते हैं। स्टेशन पर पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण दूसरे वाहन चालकों को दिक्कत होती है। बदलापुर (पश्चिम) मार्केट बहुल इलाका है। इसकी वजह से संकरी सड़कों पर भारी वाहनों के कारण आए दिन जाम लगा रहता है। नेताओं ने भीड़ से निजात दिलाने के लिए बदलापुर (पश्चिम) के स्वातंत्र्यवीर सावरकर रेलवे उड़ान पुल की शुरुआत कलम चौक से बदलापुर नदी के किनारे तक ओवर पुल बनाने की घोषणा की तो है, पर बरसों बाद भी पुल बनाने का कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहा है। औद्योगिक, ऐतिहासिक और पर्यावरण के अनुकूल होने की वजह से यहां भीड़ बढ़ रही है। बदलापुर को बदहाल बनाने में राजनीतिज्ञों सहित राज्य सरकार की उदासीनता प्रमुख है।