- ९६ फीसदी बारिश का अनुमान
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मौसम विभाग का कहना है कि मौसम के अल नीनो प्रभाव के बावजूद इस साल मानसून में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा और हिंदुस्थान में इस साल मौसम सामान्य रहेगा। इसके साथ ही लंबे समय तक औसतन बारिश ९६ फीसदी तक होगी और देश के सभी क्षेत्रों में सामान्य से ज्यादा बारिश रहेगी। हालांकि, देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में बारिश में थोड़ी कमी देखने को मिल सकती है। वहीं पिछले साल देश के इस क्षेत्र में हीट वेव देखने को मिला था लेकिन इस साल हीट वेव का प्रभाव कम रहेगा। दूसरी तरफ जून में बदरा कम ही बरसेंगे। यानी बदरा तरसाएंगे। मौसम विज्ञानी डॉ. डीएस पाई का कहना है कि मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां प्रतिकूल नजर आ रही हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि एक बार मानसून मजबूत हो जाएगा तो केरल तक इसके चार जून तक पहुंचने की पूरी उम्मीद है। अभी तक एक जून तक मानसून के केरल पहुंचने की उम्मीद जताई गई थी। मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि इस तारीख तक मानसून किसी भी स्थिति में पहुंचेगा और मानसून बिलकुल सामान्य रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अगले हफ्ते अरब सागर में किसी भी तरह के चक्रवात की संभावना भी नजर नहीं आई है। यदि देश के हर हिस्से में एक जैसी बारिश होती है तो ये एक बेहतरीन स्थिति होगी। देश के हर हिस्से में एक जैसी बारिश होने का मतलब है कि कृषि क्षेत्र पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं होगा।
जून में कम बारिश
साल २००९, २०१४ और २०१९ में भी अल नीनो से मानसून में देरी हुई थी। जून में १५.९ सेमी औसत बारिश होती है लेकिन २०१९ में इस माह केवल १०.४३ सेमी बारिश ही हुई। मौसम विभाग के अनुसार, बीते १०० सालों में यह पांचवां जून था, जो सूखा रहा। हालांकि, २०१९ में जुलाई, अगस्त और सितंबर में अच्छी बारिश हुई थी।
क्या है अल नीनो
अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापमान की स्थिति को दर्शाता है। यह घटना ला नीना की तुलना में अधिक बार होती है लेकिन यह स्थिति एक वर्ष से ज्यादा समय तक नहीं रहती। ला नीना का यह पैटर्न पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागरीय क्षेत्र के असामान्य शीतलन को दर्शाता है। ला नीना की घटनाएं एक वर्ष से ३ वर्ष तक बनी रह सकती हैं।
अल नीनो की वजह से मंडरा रहा है सूखे का खतरा!
हर वर्ष जून की शुरुआत में ही दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में दस्तक दे देता है। मौसम विभाग ने इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून के लेट आने की आशंका जताई है। आईएमडी के अनुसार केरल में इस बार मानसून चार जून तक दस्तक देगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से एक जून को केरल में प्रवेश करता है। दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल २९ मई, २०२१ में तीन जून और २०२० में एक जून को पहुंचा था।