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मुंबई का मान बालासाहेब ने बढ़ाया : शिवसेना की वजह से मुंबई टिकी, इसे नकारा नहीं जा सकता – अजीत पवार

सामना संवाददाता / मुंबई
१९६० में मुंबई को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए बहुत बड़ा संघर्ष हुआ है। संयुक्त महाराष्ट्र के लिए लोगों ने बलिदान दिया है, ऐसा विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कल महाविकास आघाड़ी की वङ्कामूठ सभा के दौरान कहा। अजीत दादा ने आगे कहा कि मुंबई को बचाने के लिए हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे का महत्वपूर्ण योगदान है। इसे नकारा नहीं जा सकता है। आज मुंबई उनकी वजह से टिकी है। मुंबई का मान बालासाहेब ने बढ़ाया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुंबई, शिवसेना के कारण ही बची है। मुंबई और भूमिपुत्रों का स्वाभिमान बचा है। लेकिन आज कुछ लोग इसे तोड़ने की साजिश रच रहे हैं।
बाजार समिति चुनाव के परिणाम पर बोलते हुए अजीत पवार ने कहा कि शिंदे सरकार के आने बाद जो भी चुनाव हुए हैं, उसमें महाविकास आघाड़ी को सफलता मिली है। जनता हमारे साथ है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में पवार साहब और सोनिया गांधी के समर्थन से सरकार बनी थी। कोरोना काल से ठीक पहले हमने सरकार बनाई थी और हमने बहुत अच्छा काम किया था। केंद्र सरकार के पास अब तक एक लाख आठ हजार करोड़ रुपए का बकाया है। यहां सामान्य जनता के लिए यह बकाया निधि लाना सीएम की जवाबदेही है। आज किसानों की दशा खराब है। उन्हें मदद नहीं मिल रही है।
मनपा चुनाव कराने को लेकर अजीत पवार ने कहा कि सरकार चुनाव कराने से क्यों डर रही है? किस बात का डर है? अभी तो बरसात भी नहीं हुई है। एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार को जनता पर भरोसा नहीं है। मुंबई में मनपा का बजट अन्य कई राज्यों की तुलना में बड़ा है। प्रशासन की अगुवाई में यहां जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। केंद्र सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है कि महंगाई बढ़ गई है, फिर भी वो जनता के पैसे को प्रचार के लिए दिल खोलकर खर्च कर रही है। यह लोगों के मन की सरकार नहीं है। यह गद्दारी करके आई सरकार है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ऐसा कभी नहीं हुआ था, जो आज हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे कई महापुरुषों की पावन भूमि को इस सरकार के चलते बदनाम होना पड़ा। यह राज्य की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। अजीत पवार ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस सरकार को नपुंसक कहा है। अब तक देश में किसी भी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे तंज नहीं कसा था। यह महाराष्ट्र का अपमान नहीं तो और क्या है। हमारा मान गिराने में सरकार लगी हुई है। लेकिन राज्य के सीएम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें यह भी जानकारी नहीं कि द्रौपदी मुर्मू देश की प्रधानमंत्री हैं कि राष्ट्रपति हैं? देश के १३-१४ करोड़ लोगों के प्रमुख हैं। उन्हें यदि जानकारी नहीं है तो पर्ची लेकर बात करनी चाहिए, गड़बड़ बयान क्यों देते हैं? घोटाला करके सीएम बने शिंदे का नाम घोटाला से अलग नहीं हो पा रहा है। आज भी वह घोटाले में उलझे हुए हैं। अब वक्त आया है कि उन्हें सबक सिखाया जाए। उन्होंने कहा कि चुनाव में जिसमें जीतने की क्षमता है, उसे ही उतारा जाएगा। भाजपा नेताओं के बयान पर नाराजगी प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि आज उनके नेता कुछ भी बयान देते हैं। कुछ भी बोलते हैं। सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर आईना दिखाते हुए अजीत पवार ने कहा कि बदली के लिए अब दर तय हो गई है। अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ था। राज्य में किसान नेता राजू शेट्टी ने साफ बताया है कि वैâसे बदली के लिए वसूली जारी है? आज विज्ञापन पर लूट मची हुई है। दिल खोलकर विज्ञापन दिया जा रहा है। विज्ञापन पर सरकार इतना खर्च कर रही है, जितना कभी नहीं हुआ हैं। तानाजी सावंत ने स्पष्ट कहा है कि मविआ सरकार को गिराने के लिए लगभग डेढ़ सौ बैठकें हुई हैं।

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