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लोनार जलाशय से है गंजेपन का कनेक्शन …डीन ने जताई आशंका …१०० लोग हो चुके हैं गंजे

सामना संवाददाता / मुंबई
बुलढाणा जिले में गंजापन की बीमारी को लेकर अकोला सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन ने बड़ी संभावना जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि यहां गंजेपन का सीधा कनेक्शन लोनार जलाशय से है। यह बीमारी संभवत: लोनार जलाशय के पानी के घटकों के कारण हुई है, जो जमीन में गहराई तक समाए हुए हैं। इस बीच शेगांव तालुका में बाल झड़ने और गंजेपन से प्रभावित लोगों की संख्या १०० तक पहुंच गई है। गुरुवार को गंजेपन से प्रभावित ३६ नए मरीज पाए गए।
उल्लेखनीय है कि बुलढाणा जिले के शेगांव तहसील के छह गांवों में बाल झड़ने और गंजेपन की दर तेजी से बढ़ रही है। अब तक इन छह गांवों के ५१ लोगों के बाल पूरी तरह से झड़ चुके हैं। दूसरी तरफ बुलढाणा के स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों से पानी के नमूने जांच के लिए नागपुर स्थित क्षेत्रीय प्रयोगशाला में भेजे हैं। इस बीच अब अकोला के सरकारी मेडिकल कॉलेज ने भी इस बीमारी के बारे में सच्चाई जानने की पहल की है।
रिपोर्ट आने में लगेंगे सात दिन
यह अनुमान लगाया गया है कि गंजापन एक त्वचा रोग है। अकोला सरकारी मेडिकल कॉलेज ने बायोप्सी के लिए इन गांवों से सात मरीजों के सिर पर मौजूद त्वचा के नमूने लिए हैं। त्वचा की रिपोर्ट आने में कम से कम सात दिन लगेंगे। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बीमारी पानी में नमक की अधिक मात्रा के कारण उत्पन्न हुई होगी इसलिए सही तथ्य रिपोर्ट के बाद ही सामने आएंगे। डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिये ने संभावना जताते हुए कहा है कि यह बीमारी संभवत: लोनार जलाशय से बड़ी मात्रा में पानी के जमीन में रिसने के कारण हुई है।
पानी में है नाइट्रेट की मात्रा
जिले में पानी के कारण बाल झड़ने की पहली रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा था कि यह पानी पीने लायक नहीं है। यहां के पानी में नाइट्रेट की मात्रा ५४ फीसदी, जो १० प्रतिशत होनी चाहिए। इसके अलावा नमक की मात्रा भी २,१०० है, जिसे केवल ११० होना चाहिए। इसलिए इस क्षेत्र का पानी खतरनाक है। फिलहाल पानी के नमूने आर्सेनिक, सीसा और रासायनिक घटकों की जांच के लिए पुणे की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।

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