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कोविड-१९ खत्म होने के बाद भी संसद की कवरेज के लिए मीडिया पर `रोक’ जारी!

मनमोहन सिंह

कोविड-१९ संबंधी प्रोटोकॉल के चलते संसदीय कार्यवाही तक पत्रकारों की ‘पूर्ण’ पहुंच पर लगी रोक को हटाने को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने स्पीकर को पत्र लिखा है। साथ ही एडिटर्स गिल्ड ने इस बाबत नवनिर्वाचित लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भी आग्रह किया है कि सदन की कार्यवाही को कवर करने वाले पत्रकारों पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए। एडिटर्स गिल्ड द्वारा ये पत्र प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और दोनों सदनों में सभी दलों के नेताओं के साथ भी साझा किए गए हैं।
गौरतलब है कि मीडिया पर ये प्रतिबंध उस वक्त लगाए गए थे, जब कोविड-१९ प्रोटोकॉल लागू किए गए थे, जिसमें स्थायी मान्यता प्राप्त लोगों सहित मीडिया कर्मियों के लिए सीमित पहुंच थी। महामारी के नियंत्रण में आने के साथ गिल्ड ने संसदीय कार्यवाही की पारदर्शी रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण पहुंच बहाल करने के लिए अनुरोध है।
पत्र के मुताबिक, `देश ने इस संकट से लड़ाई लड़ी है तथा आगे बढ़ गया है और हमें उम्मीद है कि पहुंच को सीमित करने की नीति भी समाप्त हो जाएगी। पत्रकारों को बेरोकटोक पहुंच प्रदान करने का निर्णय संविधान सभा के समय से ही चलन में था और पहली संसद द्वारा इसे जारी रखा गया। इसका उद्देश्य लोगों को उनके प्रतिनिधियों के काम, सदन के अंदर के घटनाक्रम और बाहर की गतिशीलता से मीडिया के माध्यम से अवगत कराना था, जो संसदीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण है।’
यह पहली दफा नहीं है कि संसद रिपोर्टिंग में लगे प्रतिबंध की बहाली को लेकर पत्र लिखा गया है। २०२१ में भी लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित एक पत्र में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मांग की थी कि वरिष्ठ पत्रकारों के लिए संसद के केंद्रीय कक्ष तक पहुंच बहाल की जानी चाहिए। उस वक्त प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने ट्वीट किया था, `हमारा मानना ​​है कि मीडिया लोगों और संसद के बीच एक महत्वपूर्ण इंटरफेस प्रदान करता है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में होने वाली घटनाओं पर रिपोर्टिंग करके वे सरकार, हमारे प्रतिनिधियों को अधिक जवाबदेह बनाते हैं और हमारे लोकतंत्र को अधिक महत्व देते हैं।’ प्रेस क्लब का मानना था कि सिनेमा हॉल और अन्य स्थानों द्वारा सामाजिक दूरी के मानदंडों में ढील दे दी गई है इसलिए पत्रकारों का पुन: प्रवेश `जीवन को सामान्य बनाने’ के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा। हांलाकि, पीसीआई ने सदन में मीडिया की पहुंच को आंशिक रूप से बहाल करने में स्पीकर के हस्तक्षेप का उल्लेख किया, लेकिन बताया कि यह महामारी नियमों का हवाला देते हुए सीमित था। प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स एंड वर्किंग न्यूज वैâमरामैन एसोसिएशन, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड और अन्य ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा था और उनसे सेंट्रल हॉल तक पूरी पहुंच बहाल करने का आग्रह किया था।

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