मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल के जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड कर दिया गया है। इनके खिलाफ बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी से जुड़े एक मामले में कार्रवाई की गई है। सस्पेंड किए गए जेलर का नाम योगेश कुमार है और जिन दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया है, उनका नाम राजेश कुमार और अरविंद कुमार है। बांदा जेल के तीन अफसर को लापरवाही बरतने के आरोपों के कारण सस्पेंड कर दिया गया है। इन तीन अफसरों पर माफिया मुख्तार अंसारी को जेल ले जाते वक्त लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। इसके बाद अब तीनों अफसरों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार अंसारी को लाने-ले जाने के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई हुई है। तीनों अफसर के निलंबन के दिन ही मुख्तार अंसारी ने बांदा कोर्ट में अर्जी दी थी कि उसे जहर देकर मारने की साजिश रची जा रही है। गौरतलब है कि बीते 12 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी को करीब 36 साल पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मुख्तार अंसारी पर जुर्माना भी लगा था। माफिया मुख्तार की सजा को लेकर 54 पेज का फैसला आया था।
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी। इस दौरान मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। इसी अदालत ने ही 5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा मिल चुकी है, जबकि आठवें मामले में दोषी करार दिया गया है। अभियोजन पक्ष का मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप था कि दस जून 1987 को दोनाली कारतूसी बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर शस्त्र लाइसेंस प्राप्त कर लिया गया था। इस फर्जीवाड़ा का उजागर होने पर सीबी-सीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मुहम्मदाबाद थाना में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद एवं अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।