मुख्यपृष्ठविश्वमुश्किल में फंसा बांग्लादेश... सेना में शुरू हुई बगावत!

मुश्किल में फंसा बांग्लादेश… सेना में शुरू हुई बगावत!

बांग्लादेश के सबसे ताकतवर संस्थान बांग्लादेशी सेना के सामने बहुत बड़ी मुश्किल स्थिति आ गई है। सेना के अंदर विभाजन की स्थिति पैदा हो रही है और इसमें तीन पावर सेंटर बन रहे हैं। इनमें से प्रत्येक पावर सेंटर का नेतृत्व सेना का एक जनरल कर सकता है। बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद पैâली राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता से देश को बचाने के लिए सेना की तरफ उम्मीद से देखा जा रहा था, जो अब खुद मुश्किल स्थिति में आ गई है। खबरों के मुताबिक, बांग्लादेशी सेना के वर्तमान सेना प्रमुख वकार-उज-जमान एक मध्यामार्गी हैं और इस वक्त सेना पर उनका नियंत्रण है, लेकिन सेना के अंदर दो नए पावर सेंटर उभरें हैं। जानकार बताते हैं कि सेना के भीतर एक पावर सेंटर का नेतृत्व जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक कर रहे हैं। उन्हें बांग्लादेश सेना की नौंवी डिवीजन के अवामी लीग समर्थक मेजर जनरल मोहम्मद मोइन खान का समर्थन प्राप्त है, जिसे सबसे शक्तिशाली डिवीजन माना जाता है।

यूनुस ने बढ़ाई भारत की टेंशन
भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कांटेदार तार की बाड़ लगाने को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। यह समझौता दोनों देशों के बीच उस समय हुआ था, जब अपदस्थ नेता शेख हसीना ढाका में प्रधानमंत्री थीं। लेकिन मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने हाल में भारत की तारबंदी पर गंभीर आपत्ति जताते हुए इस मुद्दे पर विरोध जताने के लिए ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को भी तलब किया है। इससे पहले भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा का मुद्दा सुलझा हुआ माना जाता था। बता दें कि छात्र आंदोलन के बाद हसीना को देश छोड़कर भागने पर मजबूर करने वाली बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बाड़ लगाने की गतिविधि पर आपत्ति जताई। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि यूनुस सरकार अब भारत के साथ बांग्लादेश के सीमा समझौते को खत्म करने पर विचार कर रही है।

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