दिल्ली पुलिस ने हाल ही में बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारतीय आईडी कार्ड दिलाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में ११ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें पांच बांग्लादेशी नागरिक और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले छह लोग शामिल हैं। दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार में एक हत्या के मामले की जांच के दौरान पूरे रैकेट का पर्दाफाश हुआ। दक्षिणी दिल्ली जिला डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि सेटन शेख नाम के शख्स की हत्या पैसों के लेन-देन और बहस को लेकर हुई। इस हत्याकांड में शामिल चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया। खुलासा हुआ है कि मारा गया सेटन शेख बांग्लादेशी नागरिकों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाता था। जांच में यह जानकारी भी सामने आई है कि भारत में बांग्लादेशियों की घुसपैठ वैâसे कराई जाती है। यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को जंगल के रास्ते भारत में लाता था। भारत आने के बाद उन्हें एक सिम कार्ड और कुछ नकदी दी गई। दस्तावेज तैयार करने के लिए जनता प्रिंट्स नामक फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया गया था। इस वेबसाइट को २०२२ से रजत मिश्रा नाम का शख्स चला रहा था। साथ ही महज २० रुपए में आधार कार्ड, वोटर कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज भी प्रिंट कर लेते थे। पुलिस ने इस रैकेट की संचालिका मुन्नी देवी को भी गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान ४ फर्जी वोटर कार्ड, २१ आधार कार्ड और ६ पैन कार्ड जब्त किए गए।
झारखंड के ५ जिलों में आबादी से अधिक बने आधार कार्ड
झारखंड में चुनाव संपन्न होने के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है। चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी और झारखंड की सत्ता में पुन: बैठने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे। बांग्लादेशी घुसपैठ को इस चुनाव में भाजपा ने मुख्य मुद्दा बनाया था। लेकिन इसके बावजूद वह झारखंड में इस बार भी सत्ता से बाहर रही। चुनाव संपन्न होने और सरकार के गठन होने के बाद पुन: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला ताजा हो गया है। एक बार फिर से जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से राज्य में सियासत गरमा गई है। इस मामले में सत्तारूढ़ झामुमो ने देश के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।