सामना संवाददाता / मुंबई
इन दिनों मुंबई की बार बालाओं और स्कूल-कॉलेजों के छात्रों में नशे का ट्रेंड बदल गया है। शराब, चरस की जगह अब नशीले पदार्थ एमडी का जमकर सेवन हो रहा है। खासकर बार बालाओं में इसका इस्तेमाल बढ़ा है, क्योंकि इसके सेवन से उन्हें खूब ऊर्जा मिलती है और वे घंटों ग्राहकों को लुभाने के लिए बारों में थिरकती रहती हैं।
एक समय था, जब बार बालाओं और स्कूल-कॉलेज के छात्रों में शराब, चरस और सिगरेट का नशा प्रचलित था, लेकिन अब ड्रग्स माफिया ने उक्त सभी लोगों को एमडी के नशे में धकेल दिया है। यही कारण है कि यह नशीला पदार्थ जमकर बिक रहा है। मुंबई में इन दिनों ६०० बार हैं, जहां ऑर्वेâस्ट्रा के नाम पर बार बालाएं डांस कर ग्राहकों को लुभाती हैं।
बार बालाओं ने तो हद कर दी
गुटखा में मिलाकर करती हैं एमडी का सेवन!
बार बालाएं शराब, सफेद पावडर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करती आई हैं, क्योंकि बार बालाएं ऊपर से जितनी सुंदर और प्रसन्न नजर आती है,ं उतनी अंदर से वे तनावग्रस्त रहती हैं।
मुंबई में तकरीबन ८ हजार बार बालाएं बारों में काम कर रही हैं। इनमें अधिकांश नशीले पदार्थ एमडी की आदी हो चुकी हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह बताई जाती है कि इसके सेवन से बार बालाओं को जीरो फिगर के साथ-साथ खूब ऊर्जा मिलती है, जिससे वे बिना थके घंटों डांस करती हैं। बार बालाएं एमडी का सेवन ज्यादातर गुटखा में मिलाकर कर रही हैं। एमडी घुलनशील होने की वजह से कुछ बार बालाएं इसे पानी में मिलाकर पीती हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रति ग्राम एमडी की कीमत ढाई से तीन हजार रुपए है। एक अनुमान के मुताबिक, रोजाना ५ लाख रुपए से ज्यादा की एमडी सिर्फ बारों में सप्लाई होती है। इसके अलावा ड्रग्स माफिया ने स्कूल-कॉलेज के छात्रों को भी निशाना बनाया है। छात्रों को यह कहकर एमडी का आदी बनाते हैं कि इसके सेवन से नींद नहीं आती और घंटों तरो-ताजा महसूस होने के कारण देर रात तक पढ़ाई की जा सकती है। बार गर्ल्स एसोसिएशन की अध्यक्ष वर्षा काले बताती हैं कि बार बालाएं शराब, सफेद पावडर जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करती आई हैं, क्योंकि बार बालाएं ऊपर से जितनी सुंदर और प्रसन्न नजर आती है,ं उतनी अंदर से वे तनावग्रस्त रहती हैं। बार बालाओं द्वारा एमडी के सेवन के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया, ‘हो सकता है कि अब उनमें नशे का ट्रेंड बदला हो।